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कूड़े का पहाड़, बरसात में शहर बनता है तरणताल

कूड़ा निस्तारण का प्लांट अभी तक जिले के किसी भी नगर निकाय में नहीं है। शामली में औपचारिक शुभारंभ जरूर हुआ है और कैराना में प्लांट का निर्माण प्रस्तावित है। अन्य के लिए कोई अभी कोई योजना नहीं है। जिले में शामली कांधला कैराना नगर पालिका हैं जबकि सात नगर पंचायत हैं। शामली समेत किसी भी नगर पालिका में सीवरेज लाइन नहीं है। पानी निकासी के पुख्ता इंतजाम भी नहीं हैं। इसके चलते हर साल बरसात में शामली शहर से लेकर सभी जगहों पर भारी जलभराव होता है और लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जनप्रतिनिधियों से लेकर अफसरों तक किसी ने कभी गंभीरता से इन मुद्दों पर ध्यान ही नहीं दिया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Jan 2022 10:33 PM (IST)Updated: Thu, 20 Jan 2022 10:33 PM (IST)
कूड़े का पहाड़, बरसात में शहर बनता है तरणताल
कूड़े का पहाड़, बरसात में शहर बनता है तरणताल

शामली, जागरण टीम। कूड़ा निस्तारण का प्लांट अभी तक जिले के किसी भी नगर निकाय में नहीं है। शामली में औपचारिक शुभारंभ जरूर हुआ है और कैराना में प्लांट का निर्माण प्रस्तावित है। अन्य के लिए कोई अभी कोई योजना नहीं है। जिले में शामली, कांधला, कैराना नगर पालिका हैं, जबकि सात नगर पंचायत हैं। शामली समेत किसी भी नगर पालिका में सीवरेज लाइन नहीं है। पानी निकासी के पुख्ता इंतजाम भी नहीं हैं। इसके चलते हर साल बरसात में शामली शहर से लेकर सभी जगहों पर भारी जलभराव होता है और लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जनप्रतिनिधियों से लेकर अफसरों तक किसी ने कभी गंभीरता से इन मुद्दों पर ध्यान ही नहीं दिया। औपचारिक रूप से ही प्लांट निर्माण का काम हुआ था शुरू

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कूड़ा निस्तारण प्लांट निर्माण के लिए सीएंडडीएस कार्यदायी संस्था है। टेंडर प्रक्रिया होने और शासन से आया बजट नगर पालिका शामली से मिलने के बाद निर्माण कार्य का औपचारिक शुभारंभ विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से पहले किया गया। हालांकि इसके बाद से काम बंद है, क्योंकि निर्माण कार्य तभी हो सकेगा, जब वहां से कुछ और कूड़ा हटे। दरअसल, डंपिग ग्राउंड में 34 हजार टन से अधिक कूड़ा जमा है। जनवरी के पहले सप्ताह में ही नगर पालिका ने टेंडर के माध्यम से दिल्ली की एक एजेंसी से करार किया है। इस पर 1.78 करोड़ रुपये खर्च होंगे, लेकिन अभी तक कूड़ा हटाने का काम शुरू नहीं हुआ है। ऐसे में प्लांट निर्माण का काम भी बंद ही है। वहीं, कैराना में भी शासन की ओर से कूड़ा निस्तारण प्लांट प्रस्तावित है। जमीन तो तलाशी गई है, लेकिन इससे आगे प्रक्रिया नहीं बढ़ी है। थोड़ी बारिश में ही बह जाते हैं दावे

बरसात से पहले नगर पालिका पालिका शामली प्रशासन शहर के सभी नालों की सफाई ठेका देकर कराता है। मगर थोड़ी बारिश में ही शहर के तमाम इलाकों में जलभराव होता है और नाले उफान पर होते है, क्योंकि नालों की सफाई ठीक तरह से नहीं कराई जाती है। एक बार सफाई कराने के बाद लंबे समय तक ध्यान नहीं दिया जाता है, जबकि कुछ दिन बाद ही नाले कचरे से अट जाते हैं। एफएसटीपी मार्च तक होगा तैयार

जिले के किसी भी नगर निकाय में सीवरेज लाइन नहीं बिछी हैं और न ही कोई योजना अब तक प्रस्तावित है। हालांकि अमृत योजना के तहत 32 केएलडी (किलो लीटर प्रतिदिन) क्षमता का फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट (एफएसटीपी) शामली के खेड़ी लिलौन के पास बनाया जा रहा है। दरअसल, शौचालयों के सेप्टिक टैंक का सीवेज नदी-नालों में डाला जाता है, जिससे जल प्रदूषण बढ़ता है। एफएसटीपी का निर्माण कार्य मार्च तक पूरा करने का दावा है। सेप्टिक टैंक से सीवेज निकालकर प्लांट में डाला जाएगा। नगर पालिका शामली इसके लिए टैंकरों की व्यवस्था भी करेगी। निजी टैंकरों को भी इसी प्लांट में सीवेज डालना होगा। यहां सीवेज का ट्रीटमेंट किया जाएगा और खाद बनाया जाएगा। न्यूमेरिक्स

- 1.25 लाख से अधिक है शामली नगर पालिका क्षेत्र की आबादी

- 25 वार्ड हैं

-400 कुंतल से अधिक कूड़ा निकलता है। बोले लोग

नालों की समुचित सफाई नहीं हो पाती है। शहर में आबादी जिस हिसाब से बढ़ी है, उस हिसाब से पानी निकासी के इंतजाम नहीं किए गए। तभी तो थोड़ी बारिश में ही जलभराव हो जाता है।

-रवि संगल, शामली डंपिग ग्राउंड का नजारा तो गाजीपुर के कूड़े के पहाड़ की तरह हो गया है। कई साल से सुन रहे हैं कि प्लांट बनेगा और निस्तारण होगा, लेकिन अभी तक तो ऐसा कुछ नहीं हुआ है।

-मनोज मित्तल, शामली

इन्होंने कहा

कूड़ा हटाने का काम डंपिग ग्राउंड में जल्द शुरू हो जाएगा। सीएंडडीएस कूड़ा निस्तारण प्लांट का निर्माण शुरू कर सके, इसके लिए काफी कूड़ा हटवा भी दिया गया था। जलभराव की समस्या को कम करने के लिए शहर में काफी नालों का आरसीसी निर्माण भी कराया गया है। नालों की सफाई पर और अधिक ध्यान दिया जाएगा।

-सुरेंद्र यादव, अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका परिषद शामली बरसात में जलभराव की समस्या को कैसे कम या खत्म किया जा सकता है, इस पर मंथन करेंगे। नालों की सफाई के लिए तो समय-समय पर निर्देश दिए ही जाते हैं। इसमें कोई खामी है तो उसे दूर किया जाएगा। कूड़ा निस्तारण प्लांट का निर्माण कार्य क्यों बंद है, इसके बारे में संबंधित अधिकारियों से बात की जाएगी।

-संतोष कुमार सिंह, अपर जिलाधिकारी शामली


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