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505 करोड़ हुआ गन्ना बकाया, तीन करोड़ ही भुगतान

प्रदेश सरकार ने राज्य परामर्शित मूल्य (एसएपी) घोषित नहीं किया है। पिछले सत्र का दो मिलों पर 55 करोड़ रुपये गन्ना मूल्य बकाया है और मौजूदा सत्र का 505 करोड़ रुपये बकाया हो गया है। अभी तक ऊन चीनी मिल ने ही गत एसएपी के आधार पर 3.33 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। किसान नेताओं का कहना है कि सरकार को किसानों की कोई परवाह नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 07 Feb 2021 06:08 PM (IST)Updated: Sun, 07 Feb 2021 06:08 PM (IST)
505 करोड़ हुआ गन्ना बकाया, तीन करोड़ ही भुगतान
505 करोड़ हुआ गन्ना बकाया, तीन करोड़ ही भुगतान

शामली, जेएनएन। प्रदेश सरकार ने राज्य परामर्शित मूल्य (एसएपी) घोषित नहीं किया है। पिछले सत्र का दो मिलों पर 55 करोड़ रुपये गन्ना मूल्य बकाया है और मौजूदा सत्र का 505 करोड़ रुपये बकाया हो गया है। अभी तक ऊन चीनी मिल ने ही गत एसएपी के आधार पर 3.33 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। किसान नेताओं का कहना है कि सरकार को किसानों की कोई परवाह नहीं है। जिले में तीन चीनी मिल हैं और पेराई सत्र 2019-20 का कुल देय 1216 करोड़ था। ऊन चीनी मिल ने पूरा भुगतान कर दिया है। शामली चीनी मिल पर 34 और थानाभवन चीनी मिल पर 21 करोड़ रुपये बकाया है। जिलाधिकारी जसजीत कौर ने 31 जनवरी तक संपूर्ण भुगतान करने के निर्देश दिए थे। अगले सप्ताह तक पूरा भुगतान हो सकता है। पेराई सत्र 2020-21 के लिए नवंबर माह में चीनी मिल चालू हो गई थी। शनिवार तक 186.30 लाख कुंतल गन्ना मिलों में डाल चुके हैं और कुल देय 508 करोड़ रुपये बैठता है।

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गत पेराई सत्र की स्थिति

चीनी मिल, क्रय गन्ना, कुल देय, भुगतान

शामली, 120.14, 388.54, 354.43

ऊन, 105.06, 337.22, 337.22

थानाभवन, 152.93, 490.83, 469.74

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वर्तमान पेराई सत्र की स्थिति

चीनी मिल, क्रय गन्ना, कुल देय, भुगतान

शामली, 55.58, 152.49, 00

ऊन, 56.27, 152.76, 3.33

थानाभवन, 74.45, 203.71, 00

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गत पेराई सत्र में राज्य परामर्शित मूल्य (एसएपी)

अगेती प्रजाति, 325 रुपये प्रतिकुंतल

सामान्य प्रजाति, 315 रुपये प्रतिकुंतल

अनुपुयक्त प्रजाति, 310 रुपये प्रतिकुंतल

---- इन्होंने कहा..

गन्ना बकाये का भुगतान अगले सप्ताह तक पूरा हो सकता है। वर्तमान पेराई सत्र का ऊन चीनी मिल ने कुछ भुगतान दिया है। अन्य दोनों मिलों से भी भुगतान को लेकर बात की जा रही है। जब तक नया एसएपी नहीं आता है, तब तक गत वर्ष का एसएपी ही लागू है।

-विजय बहादुर सिंह, जिला गन्ना अधिकारी, शामली

----- पिछले साल का ही पूरा भुगतान नहीं हो सका है। वर्तमान पेराई सत्र का 500 करोड़ से अधिक का बकाया है। सरकार को किसानों की कोई परवाह नहीं है। अभी तक गन्ने का भाव तक घोषित नहीं हो सका है।

-सवित मलिक, अध्यक्ष, किसान यूनियन

सरकार अब और विलंब न करे और एसएपी घोषित करे। साथ ही पिछले के साथ ही वर्तमान पेराई सत्र का भुगतान किया जाए। अगर ऐसा नहीं हुआ तो भाकियू आंदोलन करेगी।

-दीपक शर्मा, ब्लाक अध्यक्ष, भाकियू


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