सड़क बनी नहीं ठेकेदार को किया 37 लाख का भुगतान
जागरण संवाददाता शामली सरकारी महकमों की लीला निराली है। यह कब क्या कर दें कुछ नह
जागरण संवाददाता, शामली : सरकारी महकमों की लीला निराली है। यह कब क्या कर दें कुछ नहीं कहा जा सकता है। भ्रष्टाचार के मकड़जाल में फंसी सरकारी योजनाओं से गरीब मोहताज ही रहते है, जबकि भ्रष्ट तंत्र मालामाल होता रहता है। ऐसा ही एक मामला कांधला नगरपालिका में सामने आया है। यहां एक सड़क को बना दिया गया, लेकिन लाखों का गबन करने के लिए फिर से इस सड़क का निर्माण कराया गया, लेकिन महज कागजों में ही सड़क चमचमा रही है। अपर जिलाधिकारी आनंद शुक्ला की जांच में 37 लाख रुपये की लागत की इस सड़क के भ्रष्टाचार का राजफाश हुआ है।
कांधला के सभासद अरूण कुमार गर्ग ने कांधला के मोहल्ला खेल की एक सड़क की शिकायत की थी। जिसमें फर्जीवाड़े के आरोप थे। अपर जिलाधिकारी आनंद शुक्ला ने प्रकरण की खुद जांच करने का फैसला लिया। अपर जिलाधिकारी रविवार को कांधला पहुंचे और इस सड़क का बारीकी से निरीक्षण किया। एडीएम ने बताया कि नगरपालिका परिषद कांधला में प्रथम दृष्टया 37 लाख रुपये का गबन प्रकाश में आया है। बताया कि यह सड़क 2013 में बनाई गई थी, लेकिन साल 2018 में पुन: सड़क निर्माण के लिए 37 लाख रुपये का भुगतान दिखाया गया। खास बात यह रही कि यह सड़क मोके पर दोबारा बनाई ही नहीं गई है। लाखों के इस गबन के बाद एडीएम ने प्रकरण की गहनता से जांच शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि फिलहाल प्रथम ²ष्टया यह गबन प्रतीत हो रहा है। अभी जांच चल रही है, जांच के बाद और परतें खुलने की उम्मीद है।
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