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दोहरीकरण को जारी हुए थे 1500 करोड़, पिक बुक में एक हजार

दिल्ली-शामली-सहारनपुर रूट की जनता के लिए इससे बड़ा मजाक नहीं हो सकता। 2016-17 के रेल बजट में दिल्ली-शामली-सहारनपुर रूट के दोहरीकरण के लिए 1500 करोड़ रुपये का बजट जारी किया गया था जिसका 1214 करोड़ रुपये का डीपीआर भी बना था। अब पिक बुक में इस रूट के लिए महज एक जार रुपये जारी हुए हैं। सितंबर 2019 में रेलवे बोर्ड ने डीपीआर को अधूरा बताकर ठंडे बस्ते में डाल दिया था। 2021-22 की रेलवे पिक बुक में दिल्ली-शामली-सहारनपुर रेलमार्ग दोहरीकरण को जगह मिली थी। इससे उम्मीद जगी थी कि विद्युतीकरण के साथ इस रूट पर दोहरीकरण भी हो जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Sat, 27 Mar 2021 12:09 AM (IST)Updated: Sat, 27 Mar 2021 12:09 AM (IST)
दोहरीकरण को जारी हुए थे 1500 करोड़, पिक बुक में एक हजार
दोहरीकरण को जारी हुए थे 1500 करोड़, पिक बुक में एक हजार

जेएनएन, शामली। दिल्ली-शामली-सहारनपुर रूट की जनता के लिए इससे बड़ा मजाक नहीं हो सकता। 2016-17 के रेल बजट में दिल्ली-शामली-सहारनपुर रूट के दोहरीकरण के लिए 1500 करोड़ रुपये का बजट जारी किया गया था, जिसका 1214 करोड़ रुपये का डीपीआर भी बना था। अब पिक बुक में इस रूट के लिए महज एक जार रुपये जारी हुए हैं।

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सितंबर 2019 में रेलवे बोर्ड ने डीपीआर को अधूरा बताकर ठंडे बस्ते में डाल दिया था। 2021-22 की रेलवे पिक बुक में दिल्ली-शामली-सहारनपुर रेलमार्ग दोहरीकरण को जगह मिली थी। इससे उम्मीद जगी थी कि विद्युतीकरण के साथ इस रूट पर दोहरीकरण भी हो जाएगा। लेकिन रेलवे बोर्ड के इस कदम से दोहरीकरण के प्रति गंभीरता का पता चलता है।

रूट को गैर उत्पादक मानता है रेलवे बोर्ड

दिल्ली-शामली-सहारनपुर रूट रेलवे बोर्ड की नजर में गैर उत्पादक है। 22 मार्च को चीफ कमिश्नर आफ रेलवे सेफ्टी(सीसीएसआर) ने भी अनौपाचारिक रूप से यही कहा था कि ट्रेन हों या रोडवेज बस। उसे लाभ वाले रूटों पर ही चलाना संभव है। वहीं, देश में सैकड़ों ऐसे रूट हैं, जिनकी हालत दिल्ली-शामली-सहारनपुर रूट से कहीं बदतर है। लेकिन वहां दोहरीकरण, विद्युतीकरण और कई-कई एक्स्त्रपेस/मेल ट्रेनों का संचालन किया जाता है। अनलाक के बाद जहां कई रूटों पर एक के बाद एक ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है। वहीं, इस रूट पर महज दो हरिद्वार-उदयपुर स्पेशल सप्ताह में तीन दिन और दिल्ली-शामली-सहारनपुर दैनिक चल रही हैं।

शामली की संस्था का रहा योगदान

शहर की सामाजिक संस्था अग्रवाल मित्र मंडल रूट के दोहरीकरण से लेकर विद्युतीकरण के लिए महती प्रयास करती रही। संस्था के सचिव अनुज बंसल ने बताया कि संस्था ने तत्कालीन कैराना सांसद बाबू हुकुम सिंह और बागपत सांसद सत्यपाल सिंह से लगातार पत्राचार किए। रेलवे बोर्ड के अधिकारियों से भी अनुज बंसल लगातार संपर्क में रहे। कहा कि यह रूट अन्य सभी रूटों से बेहद उत्पादक है। अगर मजिस्ट्रेट चेकिग हो जाए तो यहां तीन सौ गुना राजस्व प्राप्त होगा।

इन्होंने कहा..

दिल्ली-शामली-सहारनपुर रूट पर अनुज बंसल ने दोहरीकरण के लिए पिक बुक में दर्ज की गई राशि के बारे में पूछा था। पिकं बुक में एक हजार रुपये दर्ज किए गए हैं।

एसबी मलिक, डिप्टी चीफ इंजीनियर कंस्ट्रक्शन

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संदीप शर्मा


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