शाहजहांपुर में महिला व प्रेमी की लाठियों से पीटकर हत्या
जेएनएन, शाहजहांपुर: पति को छोड़ने वाली महिला व उसके प्रेमी की लाठियों से पीटकर हत्या कर दी गई। बुधवार रात को दर्जनों ग्रामीणों के सामने महिला का पति व बेटे हमलावर रहे मगर, कोई बीच-बचाव करने की हिम्मत नहीं कर सका। देर रात चारों आरोपितों के विरुद्ध तहरीर दी गई।
जलालाबाद के गांव डहर निवासी ममता के पड़ोसी रमनपाल से प्रेम संबंध थे। वर्ष 2007 में इसकी जानकारी हुई तो पति ओमपाल के रिश्तेदार ने ममता को गोली मार दी मगर, उपचार के बाद ठीक होने पर वह दोबारा उसी के साथ रहने लगी। पुलिस के अनुसार, 10 वर्ष पहले ममता अपने बेटे अमित, सोनू, दीपू व एक बेटी को छोड़कर रमनपाल के साथ दिल्ली चली गई। कोरोना काल में दो वर्ष पहले दोनों गांव में आकर रहने लगे। बुधवार रात करीब नौ बजे रमनपाल दरवाजे पर खड़ा था, तभी ओमपाल से विवाद हो गया। कहासुनी के बीच ओमपाल व उसके तीनों बेटों ने रमनपाल पर हमला कर दिया। बचाने आई ममता को भी लाठियों से पीटा। दोनों की मौके पर मृत्यु हो गई। ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस गांव पहुंची मगर, चारों आरोपित फरार हो चुके थे। सभी के विरुद्ध हत्या की तहरीर दी गई है। एसपी एस आनंद ने बताया कि दोनों पक्षों में पुरानी रंजिश थी। इसी में कहासुनी के बाद हमला कर दिया गया। आरोपितों की तलाश की जा रही।
लाठियों से पीटा, ममता का गला भी दबाया
रमनपाल व ओमपाल के घर के बीच बमुश्किल दो सौ मीटर की दूरी है। कुछ ही दूरी पर रमनपाल का खेत भी है। देर शाम वह खेत की ओर गया था। तभी वहां पर ओमपाल आ गया। पहले दोनों में कहासुनी हुई। बताया जाता है कि इस बीच अमित, सोनू, दीपू व दो अन्य लोग हाथों में लाठियां लेकर आ गए और रमनपाल को पीटना शुरू कर दिया। शोर शराबा सुनकर ममता, रमनपाल का भाई समरपाल व अन्य लोग वहां पर पहुंचे। इस पर हमलावरों ने ममता को भी पीटना शुरू कर दिया। समरपाल ने बताया कि आरोपितों ने ममता का गला भी दबाया। जब गांव के अन्य लोग आ गए तो आरोपित भाग गए। इसके बाद दोनों को अस्पताल ले जाया गया, जहां डाक्टर ने मृत घोषित कर दिया। घटना की जानकारी मिलने पर एसपी एस आनंद, एएसपी ग्रामीण संजीव वाजपेयी फोर्स समेत गांव पहुंचे। आरोपितों की तलाश में दबिश भी दी गईं, लेकिन उनका कुछ पता नहीं चला। एसपी ने गांव में फोर्स तैनात कर दिया है।
दस वर्ष बाद मौत के घाट उतारकर लिया बदनामी का बदला
डहर गांव में बुधवार को हुआ दोहरा हत्याकांड अचानक का घटनाक्रम नहीं था। बल्कि ममता के पति व उसके बेटों के दस वर्षों से हो रही बदनामी के प्रतिशोध का नतीजा था। दोनों पक्षों के बीच कई बार विवाद भी हुए, लेकिन कभी मामला थाने तक नहीं पहुंचा। ओमपाल कुश्वाहा की शादी करीब 28 वर्ष पूर्व फर्रुखाबाद के राजेपुर क्षेत्र निवासी ममता से हुई थी। शादी के बाद तीन बेटे व एक बेटी हुई। दो बेटों की शादी हो चुकी है। रमनपाल के साथ ममता के जाने बाद ओमपाल व उसके बच्चों ने भी ममता से कोई संपर्क नहीं रखा, लेकिन गांव में हो रही बदनामी के कारण कहीं न कहीं रमनपाल से बदले की भावना जरूर पनप रही थी।
दिल्ली से शुरू हुई प्रेम कहानी
ममता कुशवाहा व रमनपाल यादव की प्रेम कहानी दिल्ली से शुरू हुई। दोनों की उम्र में कोई खास अंतर नहीं था। ओमपाल व रमनपाल दिल्ली की एक फैक्ट्री में काम करते थे। ओमपाल अपने परिवार के साथ वहां रहता था। एक ही गांव के होने के कारण रमनपाल का ओमपाल के घर आना जाना था। इस बीच उसकी नजदीकी ममता से बढ़ गईं। जिस पर ओमपाल पत्नी को लेकर गांव आ गया। रमनपाल भी वापस आया तो फिर से दोनों का मिलना जुलना शुरू हो गया। गांव में चर्चाएं बढ़ीं तो ओमपाल व रमनपाल का विवाद भी हुआ। 2007 में ओमपाल के रिश्तेदार ने रमनपाल के पैर में गोली मार दी थी। इस मामले में मुकदमा भी दर्ज हुआ, लेकिन बाद में रफा दफा हो गया। लगभग दस वर्ष पूर्व रमनपाल ममता को लेकर दिल्ली चला गया। दोनों वहीं रहने लगे। हालांकि उन्होंने आपस में शादी नहीं की। गांव आते भी तो एक दिन बमुश्किल रुकते। दो वर्ष पूर्व कोरोना के कारण लाकडाउन में रमनपाल का काम छूटा तो वह ममता के साथ गांव आ गया। जिसके बाद दोनों पक्षों में कई बार विवाद हुआ। रमनपाल ने पुलिस कार्रवाई का मन भी बनाया, लेकिन ममता ने बच्चों की दुहाई देकर रोक लिया।