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120 में मिल रहा 100 रुपये वाला स्टांप

जिले में 100 रुपये वाला स्टांप 120 रुपये में मिल रहा है। 50 रुपये के स्टांप पर भी 10 से 15 रुपये अतिरिक्त लिए जा रहे हैं। वेंडर भी मजबूर हैं। उन्हें महज एक फीसद कमीशन मिलता है। जितनी मांग है उतने स्टांप मिल नहीं पा रहे। बिचौलिए बीच में फायदा उठा लेते हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 Sep 2020 11:23 PM (IST)Updated: Thu, 17 Sep 2020 05:03 AM (IST)
120 में मिल रहा 100 रुपये वाला स्टांप
120 में मिल रहा 100 रुपये वाला स्टांप

जेएनएन, शाहजहांपुर: जिले में 100 रुपये वाला स्टांप 120 रुपये में मिल रहा है। 50 रुपये के स्टांप पर भी 10 से 15 रुपये अतिरिक्त लिए जा रहे हैं। वेंडर भी मजबूर हैं। उन्हें महज एक फीसद कमीशन मिलता है। जितनी मांग है, उतने स्टांप मिल नहीं पा रहे। बिचौलिए बीच में फायदा उठा लेते हैं। हालांकि संबंधित अधिकारियों की माने तो स्टाक कम होने के कारण दिक्कत थी। एक दिन पहले मांग के अनुसार स्टांप मिल गए हैं।

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यह है स्थिति

- पुवायां, जलालाबाद व तिलहर तहसील में उप कोषाधिकारी नहीं हैं

- जिले के कोषागार से सीधे उप कोषागारों में भेजे जाते हैं स्टांप

- जजी व सदर तहसील में वेंडरों के माध्यम से होती है बिक्री

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यह है व्यवस्था

- 5 हजार मूल्य से अधिक का स्टांप सीधे कोषागार से ले सकते हैं

- इससे कम मूल्य के स्टांप वेंडरों के माध्यम से बेचे जाते हैं

- वेंडरों के लिए स्टांप बिक्री की अलग-अलग सीमा निर्धारित होती है

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बैनामा व बैंक में ज्यादा जरूरत

50 रुपये का स्टांप बैनामे व अनुबंध में ज्यादा प्रयोग होता है। 100 रुपये का स्टांप चालान, बैंक संबंधी कार्य, लोन, अनुबंध, नौकरी, ठेके आदि के लिए प्रयोग होते हैं। इसलिए इनकी मांग ज्यादा रहती है।

फैक्ट फाइल :

165 वेंडर हैं जिले में

70 स्टांप वेंडर जिला मुख्यालय पर

13 करोड़ रुपये के स्टांप की बिक्री होती है हर माह

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पिछले कुछ समय से स्टांप की कमी थी, जो अब दूर हो गई है। प्रयास रहता है कि निर्धारित मूल्य पर ही स्टांप बेचा जाए।

रामासरे सिंह चौहान, स्टांप वेंडर

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अब तक दस से बीस स्टांप ही मिल पाते थे। उसी हिसाब से उन्हें बेचा जाता था। कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लेते थे।

विमल शुक्ला, स्टांप वेंडर

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एक दिन पहले कानपुर से पर्याप्त स्टाक आ गया है। अब दिक्कत नहीं है। कुछ दिन पूर्व ऐसी शिकायत की जांच कराई थी, लेकिन आरोप गलत निकले। एडीएम वित्त इस पर निगरानी रखते हैं।

शैलेंद्र कुमार, वरिष्ठ कोषाधिकारी


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