पूजा स्थल को लेकर भिड़े दो पक्ष, बाद में समझौता
पूजा स्थल के स्वामित्व को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया। अधिकारियों की मौजूदगी में नारेबाजी करने पर पुलिस ने लाठियां फटकार कर भीड़ को खदेड़ दिया। दोनों पक्षों में समझौता करा दिया गया है।
जेएनएन, शाहजहांपुर : पूजा स्थल के स्वामित्व को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया। अधिकारियों की मौजूदगी में नारेबाजी करने पर पुलिस ने लाठियां फटकार कर भीड़ को खदेड़ दिया। दोनों पक्षों में समझौता करा दिया गया है।
शहर के सदर बाजार क्षेत्र के मुहल्ला हद्दफ में पुलिस चौकी से लगभग 50 मीटर दूर गली में चबूतरे पर कुछ मूर्तियां रखी हैं, जिनकी कई वर्षों से मुहल्ले के लोग पूजा कर रहे हैं। दो दिन पहले वहां एक और मूर्ति रख दी गई, जिसका गली में रहने वाले मकसूद विरोध कर रहे थे। शुक्रवार शाम इसको लेकर नोकझोंक भी हुई थी। शनिवार को सेवानिवृत्त शिक्षक मकसूद के फिर से विरोध करने पर झगड़ा शुरू हो गया। विश्व हिन्दू परिषद के जिला मंत्री राजेश अवस्थी, हिन्दू जागरण मंच के जिलाध्यक्ष दुर्गेश मिश्र व बजरंग दल के कार्यकर्ता पहुंच गए। दूसरे पक्ष के लोग भी आ गए। सिटी मजिस्ट्रेट विनीता सिंह व सीओ सदर महेंद्र सिंह ने दोनों पक्षों से पांच-पांच लोगों को बुलाकर पुलिस चौकी में वार्ता शुरू की। मकसूद का कहना था कि जिस जगह पर चबूतरा बना है। उसमें कुछ हिस्सा उनका है। उनको पूजा से नहीं, बल्कि नई मूर्ति रखने से ऐतराज है। जबकि दूसरे पक्ष से मुहल्ले की लाली कनौजिया, रंजन सक्सेना, प्रशांत सक्सेना का कहना था कि पुराने कुएं पर चबूतरा बना है। वर्षों से पूजा हो रही है। इसी बीच बाहर नारेबाजी शुरू होने पर पुलिस कर्मियों ने उन्हें खदेड़ दिया। एडीएम प्रशासन रामसेवक द्विवेदी व एएसपी सिटी संजय कुमार ने एक बार फिर से दोनों पक्षों के बीच वार्ता कराई। तय हुआ कि नई मूर्ति वहां से हटाई जाएगी। बाकी पहले की तरह पूजा होती रहेगी। स्थान के स्वामित्व को लेकर दोनों पक्ष जन्माष्टमी के बाद कागजात सिटी मजिस्ट्रेट के सामने पेश करेंगे।
वर्जन:
दोनों पक्ष के लोगों के बीच हुई सौहार्दपूर्ण वार्ता में पहले जैसी स्थिति पर लिखित सहमति बनी। जगह के स्वामित्व को लेकर अगर किसी को कोई अभिलेख देना है तो जन्माष्टमी के बाद दे सकता है। एहतियातन पुलिस व पीएसी तैनात है।
रामसेवक द्विवेदी, एडीएम प्रशासन