आइएएस बन एसपी को फोन करने वाला बिहार का शातिर गिरफ्तार
दुष्कर्म के मुकदमे में पूछताछ के लिए थाने बुलाए गए दोस्त को कार्रवाई से बचाने के लिए बिहार के व्यक्ति ने फर्जी आइएएस बन एसपी को फोन कर दिया। स्वयं को मध्य प्रदेश का अपर मुख्य सचिव बताते हुए कहा कि उसके दोस्त व नामजद आरोपित को पुलिस परेशान न करे
जेएनएन, शाहजहांपुर : दुष्कर्म के मुकदमे में पूछताछ के लिए थाने बुलाए गए दोस्त को कार्रवाई से बचाने के लिए बिहार के व्यक्ति ने फर्जी आइएएस बन एसपी को फोन कर दिया। स्वयं को मध्य प्रदेश का अपर मुख्य सचिव बताते हुए कहा कि उसके दोस्त व नामजद आरोपित को पुलिस परेशान न करे। मामला संदिग्ध लगने पर जांच कराई तो दोनों आरोपितों को शुक्रवार सुबह पकड़ लिया गया।
एसपी एस आनंद ने बताया कि गुरुवार देर शाम वह मुख्यमंत्री की वीडियो कांफ्रेंसिग में थे। उनका फोन पीआरओ नीरज कुमार के पास था। जब वह कांफ्रेसिग से बाहर आए तो पीआरओ ने बताया कि मध्य प्रदेश के वरिष्ठ आइएएस अधिकारी की काल आई थी। उन्होंने काल बैक की तो फोन करने वाले ने उनका नाम लेते हुए दोस्ताना लहजे में बात शुरू की। स्वयं को मध्य प्रदेश कैडर में 1985 बैच का आइएएस व वर्तमान में अपर मुख्य सचिव के पद पर तैनात बताया। उनसे कहा कि जलालाबाद में दर्ज यौन शोषण के मुकदमे में पुलिस प्रवेश और राजीव नाम के युवक को परेशान कर रही है। वह इन दोनों को व्यक्तिगत जानता है। वहां की पुलिस को कहें कि इन्हें परेशान न किया जाए। एसपी ने शक होने पर नंबर सर्विलांस पर लगवाया तो लोकेशन जलालाबाद की निकली। उन्होंने डीएम इंद्र विक्रम सिंह को भी पूरी मामले की जानकारी दी। इसके बाद जलालाबाद प्रभारी निरीक्षक जसवीर सिंह को जांच करने के लिए कहा। पुलिस ने शुक्रवार सुबह रौली बौरी गांव निवासी प्रवेश व काल करने वाले बिहार के जिला कैमूर के थाना मोहनिया के गांव मुजान निवासी किरन कुमार सिंह को रोडवेज बस अड्डे के पास से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में किरन ने बताया कि वह कसारी गांव निवासी अपने परिचित वीरेंद्र सिंह के घर अक्सर आता जाता है। पिछले कुछ दिन से यहीं रुका हुआ है। वहीं उसकी प्रवेश से दोस्ती हो गई। प्रवेश के बहनोई राजीव सहित दो लोगों पर पुलिस ने छह सितंबर को दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज किया था। इस मामले में पुलिस कई बार पूछताछ के लिए प्रवेश को भी थाने बुला चुकी थी। इसलिए प्रवेश के कहने पर उसने एसपी को फोन कर दिया। डीएम को किया गेस्ट हाउस व गाड़ी सही कराने को फोन
दोनों आरोपितों को कलक्ट्रेट में डीएम व एसपी के सामने पेश किया गया। डीएम इंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि यह व्यक्ति उन्हें भी इससे पहले व कुछ अन्य डीएम को भी काल कर चुका है। उन्होंने बताया कि किरन कुमार ने बताया था कि वह कृषि सहित कई अन्य विभाग देखता है। उसने कई आइएएस व पुलिस अधिकारियों के नाम भी बताए। उनमें कुछ को अपना रिश्तेदार भी बताया। कहा कि वह डेपुटेशन पर केंद्र सरकार में जा रहा है। पहली बार डीएम को बताया था कि वह सेवानिवृत्ति के बाद अखबार निकालना चाहता है। उनके कार्यालय में फाइल पेंडिग है। जब डीएम ने इन्कार किया तो उनसे ढूंढवाने के लिए कहा। इसके बाद एक बार जलालाबाद में गेस्ट हाउस दिलाने के लिए कहा। कुछ दिन बाद काल की तो गाड़ी खराब होने की बात कहते हुए उसे सही कराने के लिए कहा। तब डीएम को भी शक हुआ कि कहीं कुछ गड़बड़ है। वह जांच कराते उससे पहले यह मामला सामने आ गया। अब तक यह सामान्य कार्याें के लिए फोन कर रहा था। इस बार अपराधी को संरक्षण देना चाह रहा था। पूछताछ में बताया कि शराब के नशे में काल की। इस पर सख्त कार्रवाई की जा रही है।
इंद्र विक्रम सिंह, डीएम