Move to Jagran APP

प्रवासियों को पहुंचाने के बाद बजट से वंचित रोडवेज

लॉकडाउन में फंसे प्रवासियों को घरों तक पहुंचाने के लिए परिवहन विभाग की सभी 121 बसों को लगाया गया था। जिसमे सबसे ज्यादा बसें जालौन आगरा लखनऊ मेरठ हरदोई लखीमपुर आदि जिलों को भेजी गईं थी।

By JagranEdited By: Published: Sun, 28 Jun 2020 11:51 PM (IST)Updated: Sun, 28 Jun 2020 11:51 PM (IST)
प्रवासियों को पहुंचाने के बाद बजट से वंचित रोडवेज
प्रवासियों को पहुंचाने के बाद बजट से वंचित रोडवेज

जेएनएन, शाहजहांपुर : लॉकडाउन में फंसे प्रवासियों को घरों तक पहुंचाने के लिए परिवहन विभाग की सभी 121 बसों को लगाया गया था। जिसमे सबसे ज्यादा बसें जालौन, आगरा, लखनऊ, मेरठ, हरदोई, लखीमपुर आदि जिलों को भेजी गईं थी। लेकिन इसके लिए अभी तक परिवहन विभाग को भुगतान नहीं हो सका है। विभाग को श्रमिक पहुंचाने में करीब 25 लाख रुपये से अधिक का डीजल खर्च करना पड़ा था। यहीं नहीं चालक-परिचालकों को भी लॉकडाउन के दौरान अतिरिक्त ड्यूटी करने पर 300 रुपये प्रतिदिन के भुगतान करने की बात कही गई थी, लेकिन विभाग ने भुगतान नहीं किया है।

loksabha election banner

दस लाख से ऊपर नहीं पहुंच सकी आय

अनलॉक वन लागू होने के बाद बसों का संचालन तो शुरू करा दिया गया है। सामान्य दिनों में 25 लाख रुपये से अधिक की आय विभाग को होती थी। मौजूदा समय में आंकड़ा दस लाख भी नहीं पहुंच रहा है।

नहीं घूमे अनुबंधित बसों के पहिये

शाहजहांपुर डिपो से 123 बसों का संचालन होता है। जबकि 79 अनुबंधित बसें थी। सवारियां न होने के कारण करीब तीन माह से अनुबंधित बसें नहीं चलाई जा सकी हैं।

80 चालकों की लगी थी ड्यूटी

लॉकडाउन के दौरान 80 चालकों की ड्यूटी विभाग की ओर से लगाई गई थी। दूसरे जिले आने व जाने में दो दिन का समय लगता था। 600 रुपये प्रोत्साहन राशि देने की बात कही गई थी लेकिन कुछ को छोड़ किसी का भुगतान नहीं हुआ है। लॉकडाउन के दौरान विभाग को कोई बजट नहीं मिला था। बिल बनाकर मुख्यालय के लिए भेज दिए गए है। चालकों की प्रोत्साहन राशि भी जल्द मिलने की उम्मीद है।

संजीव निगम, डिपो प्रभारी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.