बदहाली से नहीं उबर पा रहे महानगर के पार्क
जेएनएन, शाहजहांपुर : महानगर में अधिकांश पार्क बदहाली से नहीं उबर पा रहे है। जिस वजह से लोग पार्कों में जाना तक पसंद नहीं करते है। कहीं गदंगी तो कहीं खराब लाइटें बदहाली की गवाही दे रही है। लेकिन प्रशासन इन पार्कों के सुंदरीकरण को लेकर कोई ठोस प्रयास नहीं कर पा रहा है।
महानगर में पार्कों के निर्माण से लेकर सुंदरीकरण पर लाखों रुपये का बजट खर्च होता है। ताकि बच्चों से लेकर बड़े तक इन पार्कों में सुबह शाम वहां जाकर कुछ मनोरंजन कर सके और शुद्ध हवा ले सके। लेकिन शहीद उद्योग व गर्रा पुल के पास स्थित गांधी पार्क को छोड़ ज्यादातर पार्कों में या तो ताले लटके रहते है या फिर अव्यवस्थाओं की वजह से लोग वहां जाना पसंद नहीं करते है। कैंट क्षेत्र स्थित बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ पार्क भी बदहाली के दौर से गुजर रहा है। जबकि कैंट क्षेत्र में हीसबसे ज्यादा लोग सुबह शाम टहलने के लिए आते है।
यह है महानगर में स्थिति
महानगर के मोहनगंत स्थित अहमद उल्ला शाह पार्क में गंदगी फैली रहती है। पार्क के बाहर भी लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है। जिस वजह से पार्क में लोग सुबह-शाम भी नहीं पहुंच रहे। इसी तरह कैंट क्षेत्र स्थित बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ पार्क भी बदहाल है। यहां भी सफाई को लेकर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इस पार्क में लाइटें भी खराब है। जबकि इस पार्क से कुछ दूरी पर ही प्रशासनिक से लेकर निगम के अधिकारी भी रहते है।
हरियाली भी हुई गायब
जेल रोड पर नगर निगम प्रशासन ने बाल्मीकि पार्क बनाया है। लेकिन हरियाली तक गायब है। जिस वजह से इस पार्क में कोई जाना तक पसंद नहीं कर रहा है। लेकिन उसके बाद भी इस पार्क के सुंदरीकरण के लिए कोई प्रयास नहीं हुए।
गोद देने के बाद भी नहीं बदली व्यवस्था
वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना के प्रयासों के बाद नगर निगम प्रशासन ने 14 पार्कों को सामाजिक संगठन के सदस्यों को गोद दे दिया ताकि उनकी देखरेख ठीक से हो सके। करीब एक माह बीतने के बाद भी पार्कों में कोई व्यवस्था में बदलाव नहीं देखने को मिल रहा है।