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शहर के मंदिर सजे, दीपदान की तैयारी शुरू

आखिरकार इंतजार खत्म हुआ। मंदिर निर्माण की शुभ घड़ी आ ही गई। कोरोना संक्रमण के कारण बंदिशें हैं लेकिन रामभक्त इस ऐतिहासिक दिन को यादगार बनाना चाहते हैं। इसलिए प्रमुख धार्मिक स्थलों पर सजावट हो रही है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 05 Aug 2020 12:04 AM (IST)Updated: Wed, 05 Aug 2020 07:27 AM (IST)
शहर के मंदिर सजे, दीपदान की तैयारी शुरू
शहर के मंदिर सजे, दीपदान की तैयारी शुरू

जेएनएन, शाहजहांपुर : आखिरकार इंतजार खत्म हुआ। मंदिर निर्माण की शुभ घड़ी आ ही गई। कोरोना संक्रमण के कारण बंदिशें हैं, लेकिन रामभक्त इस ऐतिहासिक दिन को यादगार बनाना चाहते हैं। इसलिए प्रमुख धार्मिक स्थलों पर सजावट हो रही है। घरों में सुंदरकांड व हनुमान चालीसा के पाठ होंगे। दीपदान की भी तैयारी है। इसकी शुरुआत मंगलवार से हो गई। शहर के हनुमत धाम पर विशेष सजावट की गई है। हनुमत गोसेवा समिति के विपिन यादव के आह्वान पर समिति से जुड़े सदस्यों ने घरों में पहले दीप जलाए। शाम को हनुमत धाम पर शारीरिक दूरी का पालन करते हुए खन्नौत नदी में सामूहिक दीपदान किया। नजारा दीवाली जैसा था। बुधवार शाम मघईटोला गोशाला में सुंदरकांड का पाठ होगा। शाम में घरों में दीये जलाए जाएंगे। चौक में वरिष्ठ भाजपा नेता निर्भय चंद्र सेठ उर्फ जापान बाबू के घर में सुंदरकांड पाठ के बाद परिवार के सदस्यों ने पांच सौ दीये जलाए। शहर के अन्य धार्मिक स्थलों पर भी बुधवार को भगवान राम के मंदिर के भूमिपूजन के अवसर पर दीये जलाने की तैयारी है।

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युगों बाद लौटा है गर्व अयोध्या धाम का..

संस, पुवायां : राममंदिर भूमिपूजन की पूर्व संध्या पर अखिल भारतीय सर्जन साहित्य मंच और नव-तरंग फाउंडेशन की ओर से मेरे राम कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। श्रीराम की स्तुति मुरादाबाद के कवि डॉ. प्रीति हुंकार ने की। अध्यक्षता कर रहे आचार्य देवेंद्र देव ने कहा, क्यों न लगाएं खुलकर अब हम जयकारा श्रीराम का। युगों बाद लौटा है गौरव, गर्व अयोध्या धाम का। रामबाबू शुक्ला ने सुनाया दे चुके कुतर्क न कुतर्क और दीजिएगा.., राजबाला धैर्य ने पढ़ा, बाजे बधाई अवधपुरी में, दीप घर-घर जलवाए..। विराटनगर नेपाल की प्रियंका पेड़ीवाल ने सुनाया मेरे प्यारे राम, वर्षों से अंखियां प्यासी.., जौनपुर डॉ. शिवानी सिंह, डॉ. चैतन्य चेतन, यतिन अधाना ने भी काव्य पाठ किया। कवि प्रदीप वैरागी की पहल पर कवि पुनीत सत्यम के संयोजन में महेश चंद्र शुक्ला व डॉ. मीना भट्ट की ऑनलाइन उपस्थिति रही। संचालन बिजनौर की कवि डॉ. मंजू जौहरी ने किया।


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