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Swami Chinmayananda case शाहजहांपुर में SIT ने सील किया स्वामी चिन्मयानंद का आवास

शाहजहांपुर में एसआइटी ने स्वामी चिन्मयानंद के मुमुक्षु आश्रम स्थित आवास दिव्य धाम को सील कर दिया है। एसआइटी ने गुरुवार देर रात करीब साढ़े तीन बजे यह कार्रवाई की।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Fri, 13 Sep 2019 10:24 AM (IST)Updated: Fri, 13 Sep 2019 07:26 PM (IST)
Swami Chinmayananda case शाहजहांपुर में SIT ने सील किया स्वामी चिन्मयानंद का आवास
Swami Chinmayananda case शाहजहांपुर में SIT ने सील किया स्वामी चिन्मयानंद का आवास

शाहजहांपुर, जेएनएन। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में गृह राज्य मंत्री रहे स्वामी चिन्मयानंद की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। उनके कॉलेज की एलएलएम का छात्रा के यौन शोषण का आरोप लगाने की जांच कर रही एसआइटी की टीम ने गुरुवार देर रात उनका आवास सील कर दिया है। आश्रम के बाहर भारी फोर्स तैनाती कर दी गई है। छात्रा के पिता ने स्वामी चिन्मयानंद पर सुबूतों से छेड़छाड़ की आशंका जताई थी।

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शाहजहांपुर में एसआइटी ने स्वामी चिन्मयानंद के मुमुक्षु आश्रम स्थित आवास दिव्य धाम को सील कर दिया है। एसआइटी ने गुरुवार देर रात करीब साढ़े तीन बजे यह कार्रवाई की। आश्रम के सभी कमरों को सील किया गया है और केवल एक कमरे को खुला छोड़ दिया गया है। स्वामी चिन्मायानंद को घर में नजरबंद रहेंगे। साक्ष्य जुटाने के लिए फोरेंसिक टीमों को बुलाया जा रहा है। 

छात्रा यौन शोषण प्रकरण में फंसे पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद ने एसआइटी ने लंबी पूछताछ की। सवा छह बजे वह एसआइटी के सामने पेश हुए और साढ़े नौ बजे के बाद तक वहीं रहे। उनसे छात्रा के आरोपों के साथ रंगदारी मुकदमे के बार में जानकारी ली गई। इससे पहले एसआइटी ने स्वामी चिन्मयानंद के दोनों कॉलेजों के प्राचार्यों से करीब डेढ़ घंटे पूछताछ की। गुरुवार शाम करीब सवा छह बजे स्वामी चिन्मयानंद पुलिस लाइंस में बने एसआइटी के अस्थाई कार्यालय पहुंचे। वहां एसआइटी प्रभारी आइजी नवीन अरोड़ा व उनकी टीम के सदस्यों ने पूछताछ शुरू की। छात्रा व उसके परिजनों ने जो आरोप लगाए, उनके बाबत सवाल किए गए। छात्रा को कब से और कैसे जानते हैं, परिवार के बारे में क्या जानकारी है, यह पूछा गया।

छात्रा की ओर से लगाए गए दुष्कर्म के आरोप और हॉस्टल के कमरे में साक्ष्यों से छेड़छाड़ संबंधी आरोपों के बाबत उनके बयान दर्ज किए गए। स्वामी चिन्मयानंद ने आरोपों को गलत बताते हुए पूरे प्रकरण को उनकी व मुमुक्षु संकुल की छवि खराब करने की साजिश बताया। बताया जा रहा है कि उनकी ओर से कुछ साक्ष्य भी सौंपे गए हैं। एसआइटी ने उनके अधिवक्ता की ओर से दर्ज कराए गए पांच करोड़ की रंगदारी के मुकदमे के बारे में भी जानकारी हासिल की। चिन्मयानंद के वकील ने अज्ञात पर पांच करोड़ की रंगदारी मांगने का मुकदमा दर्ज कराया है। इन दोनों मामलों की जांच एसआइटी कर रही है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गठित एसआइटी को यह जांच 23 सितंबर तक पूरी करनी है। 

तीन दिन बंद रहेंगे एसएस कॉलेज
मुमुक्षु आश्रम से संबद्ध कॉलेज दिन के लिए बंद कर दिए गए हैं। शुक्रवार सुबह कॉलेजों के गेट पर नोटिस चस्पा कर दिया। तीन दिनों तक कॉलेज में शिक्षण कार्य वाधित रहेंगे। सूत्रों के मुताबिक केवल एसएसएमबी को खुला रखा गया है। बाकी शिक्षण संस्थान धर्मसभा इंटर कॉलेज, एसएस कॉलेज, एसएस लॉ कॉलेज बंद रहेंगे।

प्राचार्यों से एसआइटी की पूछताछ
पूर्व
 केंद्रीय स्वामी चिन्मयानंद के दोनों कॉलेजों के प्राचार्यों से एसआइटी ने पूछताछ की। दोनों डेढ़-डेढ़ घंटे टीम के सामने रहे। स्वामी चिन्मयानंद व छात्रा के बारे में जानकारी ली गई। दूसरी ओर छात्रा के पिता लखनऊ में कुछ वकीलों से मुलाकात के निकल गए। बताया जा रहा है कि दुष्कर्म की रिपोर्ट अब तक दर्ज नहीं होने पर वह अगली कार्रवाई के लिए उनसे सलाह लेने गए हैं। मुमुक्षु आश्रम में स्वामी चिन्मयानंद के एसएस परास्नातक डिग्री कॉलेज व एसएस लॉ कॉलेज हैं।चिन्मयानंद पर लगे शारीरिक शोषण के आरोपों की जांच कर रही एसआइटी ने गुरुवार दोपहर को दोनों कॉलेजों के प्राचार्यों को पुलिस लाइंस स्थित अस्थाई कार्यालय बुलाया। पहले एसएस परास्नातक डिग्री कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अवनीश मिश्र से पूछताछ की। उनसे कालेज के निर्माण, मुमुक्षु संकुल में बने अन्य स्कूल-कॉलेजों को लेकर सवाल पूछे। वह कब से इस कॉलेज में नौकरी कर रहे, स्वामी चिन्यानंद व इस प्रकरण के बारे में कितना और क्या जानते हैं, इस बाबत पूछा गया। डेढ़ घंटे पूछताछ के बाद उन्हें जाने दिया गया।  इसके बाद एसएस लॉ कॉलेज के प्राचार्य डा. संजय कुमार बरनवाल को बुलाया गया। डा. बरनवाल से पूछा गया कि छात्रा ने कॉलेज में प्रवेश कब लिया था। उसे छात्रावास का कमरा कब दिया गया। कंप्यूटर रूम में नौकरी दिए जाने के बाबत भी जानकारी ली गई। 

छात्रा ने कहा- कमरे से सुबूत गायब
स्वामी चिन्मयानंद पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली छात्रा का कहना है कि छात्रावास के कमरे में रखे सुबूत गायब कर दिए गए। इस बाबत स्थानीय पुलिस व चिन्मयानंद के लोगों पर शक जताया है। छात्रा ने जागरण को बताया कि स्वामी चिन्मयानंद पर अपहरण का मुकदमा दर्ज होने के बाद 29 अगस्त को पुलिस ने छात्रावास में मेरा कमरा सील किया था। उस वक्त मैं या मेरे परिवार का कोई सदस्य मौजूद नहीं था। जब 10 सितंबर को एसआइटी ने मेरी मौजूदगी में सील कमरा खोला तो वहां चश्मा, कैमरा व मेरा एक पीले रंग का बैग नहीं था। आशंका जताई कि कमरा सील करने के वक्त या बाद में कमरे से सुबूत गायब कर दिए गए। उसने स्थानीय पुलिस की भूमिका पर शक जाहिर किया। कहा कि इसके पीछे चिन्मयानंद के गुर्गे भी हो सकते हैं।  11 सितंबर को उसने इस बाबत एसआइटी प्रभारी आइजी नवीन अरोड़ा को एक शिकायती पत्र भी दिया था। 

चश्मा इसलिए है अहम
मंगलवार को जब कथित तौर चिन्मयानंद से जुड़ी वीडियो क्लिप वायरल हुईं तो कहा गया कि वो वीडियो चश्मे पर लगे कैमरे से बनाए गए। ऐसे में चश्मे को अहम सुबूत माना जा रहा था।

27 अगस्त को मुकदमा दर्ज होने के बाद सील हुआ था कमरा
24 अगस्त को वीडियो वायरल कर स्वामी चिन्मयानंद पर आरोप लगाने वाली छात्रा लापता हो गई थी। उसके पिता की तहरीर पर 27 अगस्त को चिन्मयानंद पर अपहरण का मुकदमा दर्ज कर लिया गया। इसके बाद 29 अगस्त को कॉलेज छात्रावास का वह कमरा सील किया गया, जिसमें छात्रा रहती थी। 30 अगस्त को छात्रा राजस्थान के दौसा जिले के एक होटल में पुलिस को मिल गई थी। 

स्वामी को सजा दिलाने के लिए वकीलों से शुरू किया मंथन
वीडियो वायरल व रंगदारी मामले को लेकर एसआइटी ने लगभग सभी लोगों के बयान ले लिए हैं। अब रिपोर्ट तैयार कर उसे हाईकोर्ट में पेश किया जाना है। हालांकि इससे पहले कुछ और प्रक्रियाएं व जांच के चरण बाकी हैं, लेकिन छात्रा के पिता ने कानूनी लड़ाई की तैयारी शुरू कर दी है।

फोन पर हुई बातचीत में छात्रा के पिता ने बताया कि 23 सितंबर को एसआइटी को हाईकोर्ट में अपनी रिपोर्ट सौंपनी है। उसके बाद इस मामले में हाईकोर्ट आगे की कार्रवाई तय करेगी। उसके बाद की प्रक्रिया के लिए वह वकीलों से अभी से बात कर रहे हैं। ताकि इस प्रकरण में स्वामी चिन्मयानंद पर सख्त कार्रवाई करा सकें। वकीलों से मिलने के लिए लखनऊ भी गए। छात्रा के पिता का कहना है कि स्वामी चिन्मयानंद पर दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज न होने को लेकर हाईकोर्ट ने एसआइटी से सीजेएम कोर्ट के माध्यम से रिपोर्ट मांगी थी। स्वामी चिन्मयानंद पर दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए छात्रा साउथ दिल्ली थाने में शिकायत कर चुकी है। उसका कहना था कि वहां जीरो क्राइम नंबर पर मुकदमा दर्ज हुआ मगर, ट्रांसफर होकर शाहजहांपुर नहीं आया। स्वामी की गिरफ्तारी भी नहीं की गई। कार्रवाई के बाबत छात्रा के पिता अब अधिवक्ताओं से सलाह ले रहे हैं। गुरुवार को वह लखनऊ जाकर वहां कुछ अधिवक्ताओं से मिले। फोन पर हुई बातचीत में उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि अधिवक्ताओं से मिले हैं, मकसद क्या है इसलिए पर ज्यादा बात नहीं की।  


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