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आंदोलन में हर कदम पर दिया साथ

बुधवार को राममंदिर का भूमिपूजन होने जा रहा है। ऐसे में उन महिलाओं को नहीं भुलाया जा सकता जिन्होंने राम मंदिर आंदोलन में बिना किसी की परवाह किए पति व बेटों को शामिल होने दिया। इन महिलाओं ने जागरण से बातचीत के दौरान अपनी खुशी कुछ इस तरह बयां की।

By JagranEdited By: Published: Wed, 05 Aug 2020 12:14 AM (IST)Updated: Wed, 05 Aug 2020 07:27 AM (IST)
आंदोलन में हर कदम पर दिया साथ
आंदोलन में हर कदम पर दिया साथ

जेएनएन, शाहजहांपुर: बुधवार को राममंदिर का भूमिपूजन होने जा रहा है। ऐसे में उन महिलाओं को नहीं भुलाया जा सकता, जिन्होंने राम मंदिर आंदोलन में बिना किसी की परवाह किए पति व बेटों को शामिल होने दिया। इन महिलाओं ने जागरण से बातचीत के दौरान अपनी खुशी कुछ इस तरह बयां की। मंदिर आंदोलन के दौरान सत्याग्रह करने पर मेरे पति राजाराम मिश्र गिरफ्तार हो गए। भगवान राम से जुड़े किसी कार्य के लिए इससे भी ज्यादा कष्ट उठाने पड़ते तो मैं तैयार थी। मंदिर आंदोलन को लेकर जो बैठकें होतीं उनमें अक्सर मैं भी उनके साथ जाती थी। ढांचा विध्वंस के बाद अयोध्या जाना हुआ था। खुशकिस्मत हूं मंदिर निर्माण की शुभ घड़ी आ गई।

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सरोज मिश्रा

मेरा इकलौता बेटा अशोक पिहानी के रिश्तेदारी में जाने के लिए निकला था। दो दिन तक वापस न आने पर चिता हुई। पता चला कारसेवा के लिए अयोध्या गया था। जहां गिरफ्तार हो गया। मां थी, परेशान बहुत हुई, लेकिन बेटे के कृत्य पर गर्व भी हुआ कि वह श्रीराम के मंदिर के निर्माण में योगदान देने गया है। उम्मीद है कि जीवन के अंतिम पड़ाव में मंदिर में रामलला के दर्शन कर सकूंगी।

तारावती त्रिपाठी


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