पूरी हुई वर्षों पुरानी साध, अब नहीं बाकी कोई आस
वर्षों पुरानी साध पूरी हुई। जो सपना देखा था वह जीते जी सच होते देखा। बस अब और कोई इछा बाकी नहीं रह गई। यह कहना है उन कारसेवकों का जिन्होंने राम मंदिर आंदोलन में बढ़चढ़कर हिस्सा लिया।
जेएनएन, मिर्जापुर, शाहजहांपुर : वर्षों पुरानी साध पूरी हुई। जो सपना देखा था वह जीते जी सच होते देखा। बस अब और कोई इच्छा बाकी नहीं रह गई। यह कहना है उन कारसेवकों का जिन्होंने राम मंदिर आंदोलन में बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। गांव से लेकर कस्बे तक, जिले से लेकर अयोध्या तक जब जहां जरूरत पड़ी सबसे आगे खड़े नजर आए। बुधवार को जब भगवान राम के मंदिर का भूमिपूजन हुआ तो टीवी सेट के आगे बैठे कई कारसेवक भावुक हो गए। कलान निवासी रामाधार गुप्ता ने बताया कि सुबह से ही टीवी देख रहे हैं। उनकी पत्नी रानी देवी ने स्वयं अपने हाथों से लड्डू बनाए थे। जिसका भगवान को भोग लगाया। मंदिर का भूमिपूजन होने के बाद उत्सव सा माहौल हो गया। लोगों को लड्डू बांटे। टीम आडवाणी का हिस्सा रहे सुरेश चंद्र गुप्ता ने कहा कि वह अपनी खुशी शब्दों में बयां नहीं कर सकते। ऐसा लग रहा है कि भगवान राम वनवास पूरा करके आ गए हों। महेश चंद्र गुप्ता के घर में सुबह से रामचरितमानस का पाठ हो रहा था। बोले अब बस अयोध्या जाकर रामलला के भव्य मंदिर में उनके दर्शन करने की इच्छा है। महेश चंद्र गुप्ता, सेठ रामाधार गुप्ता, सुरेश गुप्ता, सुरेश सिंह आदि राममंदिर आंदोलन के दौरान टीम आडवाणी का हिस्सा थे। ये चारों कारसेवा के लिए अयोध्या गए थे और वहां गिरफ्तार भी हुए थे।