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डीजल के दाम में बढ़ोतरी से बढ़े आटा-दाल के भाव

लॉकडाउन के बाद खाद्य वस्तुओं की कीमतें कम हुईं तो आम जनता ने राहत की सांस ली लेकिन इस बीच डीजल मूल्य में हुई वृद्धि का असर मालभाड़े पर पड़ने लगा है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 04 Jul 2020 11:49 PM (IST)Updated: Sat, 04 Jul 2020 11:49 PM (IST)
डीजल के दाम में बढ़ोतरी से बढ़े आटा-दाल के भाव
डीजल के दाम में बढ़ोतरी से बढ़े आटा-दाल के भाव

जेएनएन, रोजा, शाहजहांपुर : लॉकडाउन के बाद खाद्य वस्तुओं की कीमतें कम हुईं तो आम जनता ने राहत की सांस ली, लेकिन इस बीच डीजल मूल्य में हुई वृद्धि का असर मालभाड़े पर पड़ने लगा है। आटा, दाल के मूल्य में इजाफा होने लगा है। हालांकि अभी पर्याप्त स्टाक होने के कारण कीमतें बहुत ज्यादा नहीं बढ़ी हैं, लेकिन आने वाले दिनों में असर और ज्यादा नजर आ सकता है। व्यापारियों का भी मानना है कि मालभाड़ा बढ़ने से दूसरे राज्यों व जिलों से आने वाली वस्तुओं के मूल्य पर प्रभाव दिखेगा। चीनी, रिफाइंड व आटा के रेट बढ़े हैं। वहीं, चावल के मूल्य में कोई खास अंतर नहीं आया है। बेसन के रेट नीचे आए हैं तो वहीं कुछ दालों का मूल्य लगभग एक महीने पहले वाला ही है।

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(मूल्य)

वस्तु---------3जून--------- 3 जुलाई

चीनी---------36---------38

रिफाइंड---------100---------105

पाम ऑयल---------80---------90

अरहर दाल---------85---------90

बेसन---------80---------70

सरसों तेल---------100---------110 ------------------ फोटो 4 एसएचएन : 39

खुली वस्तुओं के रेट में एक माह के दौरान बहुत ज्यादा फर्क नहीं आया है, लेकिन कंपनियों ने पैकेट बंद खाद्य पदार्थ जरूर महंगे किए हैं।

सुभाष चंद्र, किराना व्यापारी

फोटो 4 एसएचएन : 40

सरसों के तेल, चीनी व पाम आयल में मामूली बढ़त हुई है। जमाखोरी पर लगाम से कुछ वस्तुओं के रेट कम भी हुए हैं। मालभाड़ा ज्यादा कम न हुआ तो आने वाले दिनों में असर दिख सकता है।

नीरज हर्ष, किराना व्यापारी लॉकडाउन के बाद जो हालात हैं, उनमें खाद्य पदार्थाें के रेट बढ़ना सही नहीं है। रसोई का बजट गड़बड़ाने से मध्यम वर्ग को सबसे ज्यादा दिक्कत होती है।

अनुपम मिश्रा, ग्राहक

फोटो 4 एसएचएन : 42

सरकार को चाहिए कि खाद्य पदार्थों को कम करने के लिए डीजल का मूल्य घटाना चाहिए। क्योंकि दुकानदार जब रेट बढ़ाते हैं तो भाड़ा महंगा होने का बहाना बनाते हैं।

अशोक त्रिपाठी, ग्राहक


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