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आग से झुलसी छात्रा की एक माह बाद लखनऊ में मौत

सामूहिक दुष्कर्म के प्रयास के बाद जिंदा जलाई गई छात्रा की सोमवार रात इलाज के दौरान लखनऊ में मौत हो गई। छात्रा के मृत्यु पूर्व बयानों के आधार उसकी सहेली व तीन आरोपित युवकों को पुलिस पहले ही जेल भेज चुकी है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 24 Mar 2021 12:29 AM (IST)Updated: Wed, 24 Mar 2021 12:29 AM (IST)
आग से झुलसी छात्रा की एक माह बाद लखनऊ में मौत
आग से झुलसी छात्रा की एक माह बाद लखनऊ में मौत

जेएनएन, शाहजहांपुर : सामूहिक दुष्कर्म के प्रयास के बाद जिंदा जलाई गई छात्रा की सोमवार रात इलाज के दौरान लखनऊ में मौत हो गई। छात्रा के मृत्यु पूर्व बयानों के आधार उसकी सहेली व तीन आरोपित युवकों को पुलिस पहले ही जेल भेज चुकी है।

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22 फरवरी को कांट थाना क्षेत्र के एक गांव की बीए द्वितीय वर्ष की छात्रा पिता के साथ कॉलेज गई थी, लेकिन कुछ देर बाद ही वह कालेज से गायब हो गई थी। शाम पांच बजे तिलहर थाना क्षेत्र के रिग रोड पर राईखुर्द गांव के पास बाग में छात्रा निर्वस्त्र हालत में आग से झुलसी मिली थी। छात्रा ने अपनी सहेली शहर के रामचंद्र मिशन थाना क्षेत्र के गांव गढ़ी गाड़ीपुरा निवासी पिकी, सहपाठी चौक कोतवाली क्षेत्र के मौजमपुर गांव निवासी मनीष, सुभाष, पिकी की बुआ के बेटे पुवायां थाना क्षेत्र के खाड़ेपुर गांव निवासी राजू के खिलाफ मजिस्ट्रेट को बयान दिए थे। उसने मनीष, सुभाष व राजू पर दुष्कर्म के प्रयास व जिदा जलाने व पिकी के साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया था, जिसके बाद चारों आरोपितों को जेल भेजा गया।

कार्रवाई से संतुष्ट नहीं थी पुलिस

आरोपितों को जेल भेजने के बाद भी पुलिस कार्रवाई से संतुष्ट नहीं थी। दरअसल छात्रा ने मामले में दो बार अलग-अलग बयान दिए थे। एक बार कालेज की तीसरी मंजिल से गायब होने की बात कही थी, जबकि कालेज में लगे सीसीटीवी में छात्रा अकेले ही कॉलेज से बाहर जाते दिखाई दे रही थी। इसके बाद छात्रा ने कॉलेज के बाहर से तीनों आरोपितों पर बाइक से जबरन उठा ले जाने का आरोप लगाया था।

छात्रा की इलाज के दौरान लखनऊ में मौत हो गई है। उसका लखनऊ में ही पोस्टमार्टम कराया जाएगा। इस प्रकरण में अभी जांच चल रही है।

एस आनंद, एसपी

आरोपितों के स्वजन कर रहे सीबीआइ जांच की मांग

मनीष व राजू व अन्य आरोपितों के स्वजन मामले की सीबाआइ जांच की मांग कर रहे हैं। उन्होंने सोमवार को जीआइसी मैदान में प्रदर्शन कर नगर मजिस्ट्रेट को ज्ञापन भी दिया था। उनकी मांग है कि मामले के असली आरोपितों को पकड़ कर जेल भेजा जाए और उनके बेटों को रिहा किया जाए। मनीष की मां रामवती का कहना है कि घटना के दिन मनीष दिन भर घर में रहा। उसकी लोकेशन भी घटनास्थल के पास नहीं मिली, फिर भी उसे जेल भेज दिया गया। हालांकि पुलिस की जांच अभी चल रही है।


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