16 पद पर मिला आरक्षण, 22 पर दर्ज कराई जीत
जागरण संवाददाता शाहजहांपुर जिला पंचायत में इस बार कोई भी प्रस्ताव बिना महिलाओं की मज
जेएनएन, शाहजहांपुर :
जिला पंचायत में इस बार कोई भी प्रस्ताव बिना महिलाओं की मर्जी के पास नहीं होगा। अध्यक्ष कोई भी बने, लेकिन उसे बजट के उपभोग से लेकर अन्य महत्वपूर्ण निर्णय में महिलाओं की सहमति जरूरी होगी। कारण इस बार जिला पंचायत बोर्ड में महिला सदस्यों की संख्या ज्यादा होना है। ऐसे में इनकी अनदेखी कर कोई भी निर्णय लेना आसान नहीं होगा। अगर इस बार के चुनाव नतीजों की बात करें तो आधी आबादी का दबदबा रहा। अपने लिए आरक्षित सीटों की गईं सीटों के अलावा नारी शक्ति ने अनारक्षित वार्डों में भी जीत हासिल की। उन्होंने दिखा दिया कि अगर मौका मिले तो वे किसी से कम नहीं। हर क्षेत्र में स्वयं को साबित कर सकती हैं। इस बार के पंचायत चुनाव में जिला पंचायत सदस्य के लिए महिलाओं के 16 पद आरक्षित किए गए थे। जो चुनाव परिणाम आए उनमें 47 में से 22 पर महिलाएं चुनकर आई हैं। यह संख्या सदन के कुल सदस्यों से आधे से कुछ ही कम है। सबसे खास बात यह कि इनमें से अधिकांश पहली बार कोई चुनाव लड़ी हैं। दिखाई पूरी सक्रियता
जो भी महिला सदस्य चुनकर आई हैं उनमें लगभग सभी शिक्षित हैं। चुनाव के दौरान भी उन्होंने पूरी सक्रियता बनाई रखी। घर में चौका चूल्हा तक सीमित अपनी छवि को तोड़ गांव में मतदाताओं के बीच जाकर वोट मांगे। उन्हें यह भी बताया कि गांव का विकास किस तरह से करेंगी। प्रधान व बीडीसी के पद पर भी महिलाएं काफी संख्या में जीतकर आई हैं।
पिछले चुनाव में थीं 20 सीट
गत चुनाव में महिलाओं का प्रदर्शन बढि़या रहा था। 48 सदस्यीय सदन में 20 महिलाएं जिला पंचायत सदस्य बनी थीं। सदन की कार्यवाही में भी इनकी उपस्थिति ठीक रही थी। दो बार संभाली अध्यक्ष की कुर्सी
महिलाओं की भूमिका सिर्फ बोर्ड की सदस्य तक ही नहीं रही है। दो बार जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी भी संभाली है। 2005 में अर्चना वर्मा अध्यक्ष चुनी गईं थीं। 2012 में हुए उपचुनाव में नीतू सिंह जिला पंचायत अध्यक्ष बनीं थीं।