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अजुध्या जी में अब टाट में नहीं ठाठ में रामलला

उन्होंने मंदिर निर्माण के लिए आंदोलन देखा। उसमें भाग भी लिया। उसके बाद लंबी कानूनी लड़ाई भी देखी।

By JagranEdited By: Published: Wed, 05 Aug 2020 12:09 AM (IST)Updated: Wed, 05 Aug 2020 07:27 AM (IST)
अजुध्या जी में अब टाट में नहीं ठाठ में रामलला
अजुध्या जी में अब टाट में नहीं ठाठ में रामलला

जेएनएन, शाहजहांपुर : उन्होंने मंदिर निर्माण के लिए आंदोलन देखा। उसमें भाग भी लिया। उसके बाद लंबी कानूनी लड़ाई भी देखी। उम्मीद थी, लेकिन यकीन नहीं कि वे राममंदिर का निर्माण शुरू होते हुए भी देख सकेंगे, लेकिन वह शुभ घड़ी आखिरकार आ ही गई। राममंदिर के भूमिपूजन से एक दिन पहले बुजुर्गों से बात की तो उन्होंने गर्व से कहा कि अब अजुध्या में रामलला टाट में नहीं ठाठ में विराजेंगे। मैं संघ का स्वयंसेवक रहा हूं। राममंदिर आंदोलन मे सक्रिय रहा। मेरी आंखों के सामने मंदिर बन रहा है। यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है।

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राधेश्याम श्रीमाली लंबी लड़ाई के बाद सत्य की जीत हुई है। लगभग पांच सौ साल के बाद बुधवार को इतिहास का सबसे बड़ा दिन आया है। खुशी है कि हम इस पल के गवाह बनेंगे।

महेश चंद्र सक्सेना सतत संघर्ष पर समरसतापूर्ण विजय हुई है। उम्मीद है कि असली रामराज्य की स्थापना होगी। अपने जीवनकाल में मंदिर निर्माण शुरू होने पर आत्मिक संतोष हो रहा है।

रामनारायण मेहरोत्रा राममंदिर का निर्माण शुरू होते देखना किसी सपने के पूरा होने से कम नहीं है। कितने वर्षों से इसका इंतजार था। खुशकिस्मत हूं की भगवान को उनके धाम में विराजते देखूंगा।

हरिराम


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