सबके राम, सबकी अयोध्या
भगवान श्रीराम का जीवन सिर्फ हिन्दू समाज ही नहीं बल्कि हर धर्म व वर्ग के व्यक्ति के लिए अनुकरणीय हो सकता है भले ही वह विष्णु का अवतार थे लेकिन उन्होंने बताया कि एक मानव के जीवन में क्या-क्या चुनौतियां आ सकती हैं।
जेएनएन, शाहजहांपुर : भगवान श्रीराम का जीवन सिर्फ हिन्दू समाज ही नहीं बल्कि हर धर्म व वर्ग के व्यक्ति के लिए अनुकरणीय हो सकता है भले ही वह विष्णु का अवतार थे, लेकिन उन्होंने बताया कि एक मानव के जीवन में क्या-क्या चुनौतियां आ सकती हैं। अपनी मर्यादा को बनाए रखते हुए वह कैसे उनसे पार पा सकता है। 1996-97 से ओसीएफ रामलीला से जुड़ा हुआ हूं। विष्णु के ही एक अन्य अवतार भगवान परशुराम व राम के भक्त विभीषण का किरदार निभाता आ रहा हूं। मैंने राम के चरित्र को सिर्फ पढ़ा ही नहीं बल्कि बहुत नजदीक से जाना है। उन्होंने तमाम भ्रांतियों को खत्म किया। ऊंच-नीच का भेदभाव मिटाया। मित्रता का मोल समझाया। राम का जीवन हर व्यक्ति के जीवन का सार है। अगर उनको आत्मसात करके चलेंगे तो कभी भी किसी के परिवार में अलगाव नहीं रहेगा। जीवन में कुछ पल कष्टदायक हो सकते हैं, लेकिन हर कष्ट के बाद आराम भी आती है यह भी राम बताते हैं। रही बात राममंदिर निर्माण की तो इसका निर्णय बहुत पहले हो जाना चाहिए था। अयोध्या सबकी है, राम सबके हैं।
अरशद आजाद, रंगकर्मी