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'तहरीर ही नहीं मिली तो जांच क्यों कराएं'

देवर-भाभी की मौत के मामले में सिधौली पुलिस चौबीस घंटे बाद भी अनजान बनी है। प्रभारी निरीक्षक जगनारायण पांडेय का कहना है कि कोई तहरीर ही नहीं मिली तो जांच क्यों कराएं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 22 Oct 2020 12:07 AM (IST)Updated: Thu, 22 Oct 2020 12:07 AM (IST)
'तहरीर ही नहीं मिली तो जांच क्यों कराएं'
'तहरीर ही नहीं मिली तो जांच क्यों कराएं'

जेएनएन, शाहजहांपुर : देवर-भाभी की मौत के मामले में सिधौली पुलिस चौबीस घंटे बाद भी अनजान बनी है। प्रभारी निरीक्षक जगनारायण पांडेय का कहना है कि कोई तहरीर ही नहीं मिली तो जांच क्यों कराएं। जब स्थानीय लोगों ने पुलिस को पूरे प्रकरण के बारे में बताया तब भी पुलिस ने मृतकों के गांव जाकर जानकारी जुटाना तक उचित नहीं समझा। यह कोई पहला मामला नहीं है जब पुलिस बड़ी घटनाओं में भी तहरीर आने का इंतजार करती है। सिधौली थाना क्षेत्र के ही दल्हापुर गांव में एक ग्रामीण ने 24 अक्टूबर को प्रेम प्रसंग में गर्भवती हुई नाबालिग बेटी की घर में गला दबाकर हत्या कर दी थी। फिर शव सिर धड़ से अलग कर गांव से कुछ दूर गड्ढे में दफन कर दिया था। ग्रामीणों ने उसी दिन पुलिस को सूचना दी थी, लेकिन पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया था। पांच अक्टूबर को ग्रामीणों के सूचना देने पर एसपी ने पुलिस को भेजा तब खुलासा हुआ। एसपी एस आनंद ने बताया कि जानकारी कर रहे है। जो भी मामला सामने आएगा उसी आधार पर आगे की कार्रवाई कराई जाएगी।

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