अच्छे-अच्छे बिखर गए नक्षत्रों के खेल में
शाहजहांपुर: जिला जेल में बंदियों का मनोरंजन के लिए गुरुवार को कवि सम्मेलन का आयोजन किया
शाहजहांपुर: जिला जेल में बंदियों का मनोरंजन के लिए गुरुवार को कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।
जिला जेल परिसर में कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डीआइजी जेल शशी श्रीवास्तव ने दीप प्रज्ज्वलन करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
राष्ट्रीय कवि शरदेन्दु शुक्ला शरद ने पढ़ा -
अच्छे-अच्छे बिखर गए नक्षत्रों के खेल में,
कई बाबाओं का नया वर्ष बना है जेल में
साजिद खैराबादी ने कहा कि-
हर एक लब पे यही दिल नशी तराना है
वतन को अपने हमें स्वर्ग खुद बनाना है
सरोज कुमार ने पढ़ा कि
ओम प्रकाश ने कहा कि
उम्मीद बच न पाएगी, एटम की मार से,
फिर भी दुआ करो कि दुनिया बची रहे।
अनूप ध्वन कहा कि -
शब्दों के शिल्पी हम भाव प्रसून लाते हैं,
दबते बोझ तले तो गीत हम गाते हैं।
सरिता वाजपेयी ने पढ़ा कि -
रंग उड़े अरु ढोलक बाजता नाच रही धुन प्रेम अली है,
कुंछ पराग सनी सखियां सब फाग फुहार सुगंध चली है।
कार्यक्रम में बंदी अनिल गुप्ता ने भी काव्य पाठ किया। उसकी कविता सुनकर बंदियों ने जमकर तालियां बजाई। संचालन सुरेश मिश्रा ने किया। इस दौरान जेल अधीक्षक राकेश कुमार, जेलर जेपी दुबे समेत समस्त जेल स्टाफ मौजूद थे।