बारिश में भीगा धान, किसान हुए परेशान
प्रशासन की लापरवाही व केंद्र प्रभारियों का मनमाना रवैया रविवार रात भारी पड़ गया। रोजा मंडी में खुले में रखा 60 हजार क्विवल से ज्यादा धान बारिश में भीग गया। जबकि अपनी बारी का इंतजार कर रहे कई किसान भी रात भर अपनी उपज भीगते हुए देखते रहे।
शाहजहांपुर, जेएनएन: पहले तो खरीद में मनमानी की। फिर जो उपज खरीदी गई उसको सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने में ढिलाई बरती। प्रशासन की लापरवाही व केंद्र प्रभारियों का मनमाना रवैया रविवार रात भारी पड़ गया। रोजा मंडी में खुले में रखा 60 हजार क्विवल से ज्यादा धान बारिश में भीग गया। जबकि अपनी बारी का इंतजार कर रहे कई किसान भी रात भर अपनी उपज भीगते हुए देखते रहे। केंद्रों पर खरीद पहले ही मुश्किल से हो रही थी। बारिश ने मुश्किलें और बढ़ा दी हैं।
मंडी समिति में लगे क्रय केंद्रों पर धान खरीद की गति काफी धीमी है। उठान भी समय से न होने के कारण क्रय केंद्रों के बाहर ढेर लगे हुए हैं। कई-कई दिन तक तौल न होने के कारण बड़ी संख्या में किसान अब भी परिसर में ही खुले आसमान के नीचे अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। रविवार शाम बारिश शुरू हुई तो धान की काफी कम बोरियों को ही ढका जा सका। खुले में पड़े धान को सुरक्षित सुरक्षित करने का कोई इंतजाम नहीं था।
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केंद्रवार स्थिति
रोजा मंडी में आरएफसी, एफसीआइ, पीसीयू, पीसीएफ, एसएफसी, नैफेड के क्रय केंद्र लगे हैं। इसके अलावा मंडी समिति का केंद्र भी खोला गया है पर इन पर तौल धीमी हो रही है। हालांकि लक्ष्य पूर्ति के लिए प्रशासन ने छोटे किसानों से घर-घर जाकर धान खरीद शुरू की है।
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आंकड़ों पर एक नजर
1.20 लाख क्विटल मंडी में अब तक हुई खरीद
42 हजार क्विटल का हुआ उठान
12 हजार क्विटल धान को ही किया जा सका सुरक्षित
66 हजार क्विटल से ज्यादा धान बारिश में भीग गया
10 हजार क्विटल किसानों का धान बारिश में भीगा
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कोशिश की है कि ज्यादा से ज्यादा धान बच जाए। जो किसान एक दो दिन में धान लाए थे उन्हें कुछ दिक्कत हुई होगी। भीगे धान को सुखाने की व्यवस्था कराई जाएगी। केंद्र प्रभारियों को उठान में तेजी लाने के लिए कहा है।
प्रवीण अवस्थी, मंडी सचिव
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19.39 लाख क्विटल खरीदा धान, 144 करोड़ का रोका भुगतान
शाहजहांपुर, जेएनएन: गन्ना बकाया की तरह धान का भी हाल हो रहा है। किसानों का खरीद एजेंसियों पर 144 करोड़ का बकाया है। सरकार के 72 घंटे के भीतर भुगतान के आदेश को धता बताकर एजेंसियों ने किसानों का बकाया रोक लिया है। दरअसल जनपद में अब तक 19.39 लाख क्विटल धान की खरीद हो चुकी है, जो कि कुल लक्ष्य का 52 फीसद है। कुल खरीद के सापेक्ष एजेंसियों को 362.3 करोड़ का भुगतान करना है, लेकिन अभी तक 218.2 करोड़ का ही भुगतान किया है। कुल 35 हजार किसानों में करीब 40 फीसद किसानों का खरीद एजेंसियों पर 144 करोड़ का बकाया है।
72 घटे मे भुगतान का आदेश भी दरकिनार
शासन ने किसानो को धान खरीद के 72 घंटे के भीतर बकाया भुगतान का आदेश दिया है। लेकिन खरीद एजेंसियां चीनी मिलों की तरह आदेश का अनुपालन नहीं कर रही है। नतीजतन किसानों का 40 फीसद भुगतान बकाया है।
गत वर्ष से 16 फीसद अधिक खरीद
गत वर्ष 13 नवंबर तक 36.10 लाख क्विटल लक्ष्य इके सापेक्ष 13.78 लाख क्विटल धान की खरीद हुई थी। जबकि इस वर्ष अब तक 19.39 लाख क्विटल की खरीद हो चुकी है। यह खरीद लक्ष्य के सापेक्ष 52 फीसद है। प्रशासन इसे खास उपलब्धि मान रहा है।
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अभियान चलाकर छोटे किसानों से धान की खरीद की गई है। खरीद एजेंसियों को 72 घंटे के भीतर भुगतान की हिदायत दे दी गई है। जो एजेंसी समय से किसानों का भुगतान नहीं करेगी, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
गिरिजेश चौधरी, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व तथा जिला खरीद अधिकारी
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क्रय केंद्र पर किसानों ने पकड़ा व्यापारी का धान, हंगामा
संवाद सहयोगी, तिलहर : दीपावली के अवकाश के दौरान विपणन शाखा के क्रय केंद्र पर किसानों ने एक व्यापारी का सैकड़ों क्विटल धान पकड़ लिया। विरोध प्रदर्शन के साथ अधिकारियों ने शिकायत की। एसडीएम वेद सिंह चौहान पहुंचे। उन्होंने छुट्टी वाले दिन बिना टोकन के धान की आवक के लिए मंडी सचिव व केंद्र प्रभारी की जमकर फटकार लगाई।
दीपावली के उपलक्ष्य में क्रय केंद्रो पर खरीद बंद थी। लेकिन रविवार को एक व्यापारी मंडी समिति में आरएफसी द्वितीय क्रय केंद्र पर कई ट्राली धान लेकर पहुंच गए। वहां मौजूद किसानों ने विरोध करते हुए हंगामा शुरू कर दिया। किसानों ने अपना धान तुलवाने की मांग की। मामला प्रशासन तक पहुंचा। एसडीएम वेद सिंह चौहान मौके पर पहुंचे। उनके पहुंचने पर व्यापारी कार में बैठकर मंडी परिसर से फरार हो गया। एसडीएम ने मंडी सचिव तथा आरएफसी द्वितीय केंद्र प्रभारी को तलब करते हुये फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि जब भाईदूज पर्व पर मंडी के धान क्रय केन्द्रों का अवकाश था, तो बिना टोकन कटे क्रय केन्द्र पर धान कैसे डाला गया। उन्होंने केंद्र प्रभारी को जांचकर नियमानुसार कार्रवाई करने के निर्देश दिये। चेतावनी दी कि यदि संलिप्तता मिली तो दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। एसडीएम के तेवर से किसानों का आक्रोश शांत हुआ।