सिर्फ सनातन धर्म ही सिखाता है आपस में बैर नहीं रखना
जेएनएन, शाहजहांपुर : मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना। सिर्फ सनातन धर्म ही है जिसमें यह सीख दी जाती है। इसी धर्म में किसी से बैर नहीं बल्कि सभी से प्यार सिखाया जाता है। यह कहना है गुलनाज उर्फ विराट कुमार का। इस्लाम छोड़कर हिन्दू धर्म अपनाने वाले विराट ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि उन्होंने अपनी अंतरात्मा की आवाज पर घर वापसी की है। अब विराट के रूप में उनकी पहचान होगी।
सनातन धर्म ही क्यों, किसी अन्य धर्म को क्यों नहीं अपनाया। इस सवाल पर गुलनाज का कहना था कि अपने घर में आने के लिए कोई वजह नहीं चाहिए होती है। किसी को अपने दिल में बसाने का कोई कारण नहीं होता। सनातन धर्म के प्रति बचपन से ही मन में आस्था थी। क्योंकि यही सत्य है। गुलनाज उर्फ विराट कुमार का कहना कि जिस तरह अयोध्या में श्रीराम के प्रमाण मिले। वहां उनका भव्य मंदिर बन रहा है। ज्ञानवापी परिसर में शिवलिंग मिलने की बात कही जा रही है तो इसमें कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए। क्योंकि सिर्फ इन दो स्थानों पर ही नहीं देश में जितने भी पुराने किले या भवन बने हुए हैं। उनमें से अधिकांश की अगर खोदाई हो तो उनमें सनातन धर्म के ही चिह्न या अवशेष मिलेंगे।
ली शपथ, नहीं मानेंगे किसी अन्य धर्म को
हनुमान चालीसा का पाठ भी कराया। शपथ ली की सनातन धर्म के अलावा किसी धर्म को नहीं मानेंगे। शादी के बाद बच्चे होंगे तो उनका नाम भी सनातन धर्म के अनुसार ही रखने का संकल्प भी लिया है।
हनुमान जी के भक्त, नहीं कोई भय
गुलनाज उर्फ विराट कुमार ने कहा कि उनकी हनुमान जी में गहरी आस्था है। वह उन्हीं के भक्त हैं। इसलिए कोई भय नहीं। अब तक उनकी जितनी पूजा की विधि मालूम थी उतनी करते थे। मांसाहार भी नहीं करते थे। अब और ज्यादा जानकारी करेंगे। विधिवत पूजन किया करेंगे। सनातन धर्म अपनाने पर डर के सवाल पर उन्होंने कहा कि देश में लोकतंत्र है। यहां सब सुरक्षित हैं।
आ सकती हैं मां व भाई-बहन
गुलनाज उर्फ विराट ने बताया उसके पिता की तीन वर्ष पूर्व मृत्यु हो चुकी है। घर में मां, भाई और बहन हैं। बहनों की शादी की चिंता है। उन लोगों ने फैसले का पहले तो विरोध किया, लेकिन जब उसकी जिद देखी तो कुछ नहीं बोले। उन्होंने तो अपना रास्ता चुन लिया। मां, बहन, भाई उनके बारे में क्या सोचते हैं नहीं पता, लेकिन अगर वे लोग भी साथ आना चाहते हैं तो आएं।
यह बदलते भारत की तस्वीर
राष्ट्रीय गौ रक्षक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी पदमनाभ महाराज ने कहा कि यह बदलते भारत की तस्वीर है जो लोग मजबूरन दूसरे समुदायों में थे वह पुनः घर वापसी करके अपने पूर्वजों की गलतियों को सुधारने का काम कर रहे हैं। विहिप के जिला मंत्री राजेश अवस्थी ने कहा कि सनातन धर्म सबसे बड़ा धर्म है। पूर्व में न तो कोई धर्म था न कोई है।
इस तरह बढ़ गई आस्था
विश्व हिंदू परिषद के जिला मंत्री राजेश अवस्थी ने बताया कि गुलनाज उर्फ विराट कुमार कई वर्ष से उनके संपर्क में थे। उनके आसपास सभी मित्र व सहयोगी हिन्दू थे। उन्हीं के साथ रहते हुए विराट की आस्था सनातन धर्म में बढ़ी। अवस्थी ने बताया कि एक बार विराट ने मंगलवार को शादी समारोह में धोखे से मांसाहार कर लिया। अगले दिन उनके 36 हजार रुपये खो गए। उन्होंने सरायकाइयां में पुरानी चौकी के पास स्थित मंदिर में जाकर बालाजी से अर्जी लगाई। नतीजतन रुपये उसी जैकेट में मिल गए, जिससे गायब थे। इसके बाद से विराट की आस्था हनुमानी जी में और बढ़ गई।
गुलनाज उर्फ विराट को हम दस वर्ष से जानते हैं। वह हमारे रिश्तेदार की फैक्ट्री में काम करते थे। तीन साल से वह नजदीकी संपर्क में आ गए। जब मिलते तो जयश्रीराम कहकर पैर छूते थे। सनातन धर्म अपनाने की बात कहते। 20 दिन से ज्यादा दबाव बनाया तो हमने हामी भर दी। अब वह जयपुर जाकर अपने चाचा के पास नौकरी करेंगे। उनके चाचा भी दुर्गाजी को मानते हैं। हालांकि उन्होंने अभी सनातन धर्म नहीं स्वीकारा है। गुलनाज उर्फ विराट चाहेंगे तो उनको शहर में भी नौकरी दिलाई जाएगी। वह जहां रहेंगे उनके रोजगार व सुरक्षा का ध्यान रखा जाएगा।
राजेश अवस्थी, जिला मंत्री विहिप