सर्दी शुरू हुई तो बढ़़़़़़़़़़़़़़़ी बसों में एमएसटी
सर्दी के दस्तक देते ही लोगों ने निजी वाहनों के बजाय बसों से सफर करना शुरू कर दिया है। नियमित यात्री एमएसटी बनवा रह हैं। ताकि हर रोज टिकट न लेना पड़े। ऐसे में परिवहन निगम की बसों में एमएसटी धारकों की संख्या सामान्य दिनों के मुकाबले पांच गुना अधिक हो गई है
जेएनएन, शाहजहांपुर : सर्दी के दस्तक देते ही लोगों ने निजी वाहनों के बजाय बसों से सफर करना शुरू कर दिया है। नियमित यात्री एमएसटी बनवा रह हैं। ताकि हर रोज टिकट न लेना पड़े। ऐसे में परिवहन निगम की बसों में एमएसटी धारकों की संख्या सामान्य दिनों के मुकाबले पांच गुना अधिक हो गई है। दो साल पहले तक परिवहन निगम की बसों में महज 100 एमएसटी धारक ही चलते थे। लेकिन नवंबर माह में यह संख्या बढ़कर 500 से अधिक पहुंच चुकी है। हालांकि कुछ बसों में शीशे टूटे होने की वजह से यात्रियों को दिक्कतों का सामना भी करना पड़ रहा है। जिसकी आपत्ति भी यात्री जता रहे है।
1500 थे ट्रेनों में एमएसटी धारक
ट्रेनों से सफर करने वालों में 1500 से अधिक एमएसटी धारक थे। लेकिन दो साल से एमएसटी न बनने की वजह से नियमित यात्रियों को सबसे ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल, ट्रेनों के रिजर्वेशन कराने के बाद दो घंटे पहले स्टेशन पर पहुंचना अनिवार्य है। ऐसे में नौकरी करने वाले समय से जंक्शन नहीं पहुंच पाते हैं। सबसे ज्यादा बरेली की एमएसटी
शाहजहांपुर से बरेली के लिए सबसे ज्यादा 60 फीसद एमएसटी धारक सफर कर रहे हैं। जिसमें ज्यादातर सरकारी कर्मचारी है जो नियमित आते-जाते हैं। इसके अलावा छात्रों की संख्या भी बढ़ गई है। इसके अलावा पीलीभीत, हरदोई व लखनऊ के लिए भी एमएसटी धारक चल रहे है। बसों से इन दिनों एमएसटी धारक पहले से अधिक सफर कर रहे है। लगातार प्रयास किया जा रहा है कि किसी भी यात्री को सफर के दौरान परेशान न हो। बसों के मेंटीनेंस पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा हैं।
एसके वर्मा, एआरएम