विधायक रोशन लाल बोले, एक बड़े नेता के कारण हुई उपेक्षा, आजिज आकर दिया इस्तीफा
भाजपा में आने के बाद रोशनलाल वर्मा ने तिलहर में पार्टी को पहली जीत दिलायी। कुछ समय बाद ही उनके जिले के शीर्ष नेताओं से मतभेद शुरू हो गए। रोशनलाल वर्मा ने कई बार अपनी नाराजगी खुले मंच से भी शेर और शायरी के जरिये जाहिर की लेकिन दूरी कम होने की बजाय बढ़ती गई
जेएनएन, शाहजहांपुर : भाजपा में आने के बाद रोशनलाल वर्मा ने तिलहर में पार्टी को पहली जीत दिलायी। कुछ समय बाद ही उनके जिले के शीर्ष नेताओं से मतभेद शुरू हो गए। रोशनलाल वर्मा ने कई बार अपनी नाराजगी खुले मंच से भी शेर और शायरी के जरिये जाहिर की, लेकिन दूरी कम होने की बजाय बढ़ती गई।
मंगलवार को भाजपा छोड़ने के बाद दैनिक जागरण से बातचीत में रोशन लाल वर्मा ने कहा कि उनकी भाजपा में लगातार उपेक्षा हो रही थी। जिले से लेकर लखनऊ तक कहीं भी पदाधिकारी व अधिकारी उनकी बात सुनने को तैयार नहीं थे। यह सब जिले के एक बड़े नेता के इशारे पर हो रहा था। उन्होंने बताया कि सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष से मुलाकात हो गई है। अब 14 जनवरी को अधिकारिक घोषणा होगी। जिले में उन्हें लगातार परेशान किया गया। भाजपा शासन में बेरोजगारी बढ़ी, नौकरियां गईं। कमजोर वर्ग का उत्पीड़न हुआ। उन्होंने जो भी काम किया, उसमें जिले के एक बड़े नेता ने हमेशा हस्तक्षेप किया। उन्हें काम नहीं करने दिया। सिधौली उनके विधानसभा क्षेत्र में था, लेकिन वहां बड़े नेता ने ब्लाक प्रमुख के दावेदार के घर बुलडोजर लगवा दिया। अपने खास को प्रमुख बनाया। हर काम में दखल दिया जा रहा था। हर काम में रोड़ा अटकाया गया। उन्होंने लखनऊ में पार्टी के उच्च पदाधिकारियों से शिकायत की। मुख्यमंत्री से भी मिले, लेकिन एक नहीं सुनी गई। रोशन ने कहा कि उन्हें इतना परेशान कर दिया कि अगर भाजपा में रोकने की कोशिश भी होती तो वहीं नहीं रुकते। सरकार जनता ने चुनी, लेकिन चंद नेताओं व अधिकारियों ने उसे चलाया। बसपा में न जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि 2022 में सपा की सरकार बनने जा रही है। जनहित में प्रदेश के दबे, कुचले गरीब लोगों के सम्मान के लिए उठाया है।