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ट्यूबवेल पर बाघ को पानी पीते देख छूटे पसीने

ट्यूबवेल पर शुक्रवार दिन में एक पिकअप चालक ने बाघ को पानी पीते देखा। हालांकि वहां कोई पगचिह्न नहीं मिला है। इसी गांव में चार दिन पहले पगचिन्ह देखे गए थे। वन विभाग की टीम बाघ की तलाश में जुटी है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 24 Oct 2020 12:39 AM (IST)Updated: Sat, 24 Oct 2020 12:39 AM (IST)
ट्यूबवेल पर बाघ को पानी पीते देख छूटे पसीने
ट्यूबवेल पर बाघ को पानी पीते देख छूटे पसीने

जेएनएन, निगोही : ट्यूबवेल पर शुक्रवार दिन में एक पिकअप चालक ने बाघ को पानी पीते देखा। हालांकि वहां कोई पगचिह्न नहीं मिला है। इसी गांव में चार दिन पहले पगचिन्ह देखे गए थे। वन विभाग की टीम बाघ की तलाश में जुटी है।

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खेड़ा संडा गांव निवासी रामरतन पाल शुक्रवार सुबह दस बजे पिकअप से बरेली जिले के भमौरा थाना क्षेत्र के देवचरा नखाशा जा रहे थे। खेड़ा संडा गांव के ही मंगल सिंह के खेत में लगे ट्यूबवेल पर उन्हें एक बाघ पानी पीते दिखाई पड़ा। उन्होंने पिकअप को बंद कर शीशे चढ़ा लिए। इसके बाद वन विभाग के अधिकारियों व ग्रामीणों को सूचना दी। कुछ देर बाद बाघ मंगल सिंह के गन्ने के खेत में चला गया। इसके बाद क्षेत्र के वन दरोगा मनोज कुमार व तिलहर क्षेत्र के वन दारोगा अजय सिंह टीम के साथ मौके पर पहुंचे। खेत में भी बाघ के पगचिह्न नहीं मिले। 18 अक्टूबर को भी खेड़ा संडा गांव में बाघ के पगचिह्न मिले थे। दो दिन की खानापूर्ति कर वन टीम वापस हो गई थी। दहशत के कारण ग्रामीण पशुओं को खेत में नहीं छोड़ रहे हैं।

वर्जन

पगचिह्न कहीं नहीं मिले हैं। वन विभाग की टीम खेतों में चार कैमरे लगवाएगी। कर्मचारी ग्रामीणों के संपर्क में रहेंगे। उन्हें अकेले खेत पर न जाने की सलाह दी है।

मनोज कुमार, वन दारोगा


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