विपक्षियों की घेराबंदी के बीच युवाओं को दिखायी सुनहरी तस्वीर
विधानसभा चुनाव के बाद एक बार फिर से बसपा की सबसे बड़ी स्टार प्रचारक राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती जिले में थीं।
अंबुज मिश्र, शाहजहांपुर : विधानसभा चुनाव के बाद एक बार फिर से बसपा की सबसे बड़ी स्टार प्रचारक राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती जिले में थीं। बरेली मोड़ के उसी मैदान में वह कार्यकर्ताओं से मुखातिब थीं, जहां 2017 में उन्होंने सभा की थी। हालांकि तब और अब की स्थितियां बदली हुईं थीं। उस समय पार्टी का जिले में खाता भी नहीं खुल सका था, लेकिन इस बार सपा व रालोद के साथ पार्टी का गठबंधन है। भीड़ हर बार की तरह अपेक्षा के अनुरूप थी। मायावती भी मौका नहीं चूकीं।
अपने करीब 22 मिनट के भाषण में उन्होंने तमाम बातें कीं। कांग्रेस व भाजपा को पूरे समय निशाने पर रखा तो किसानों, मुस्लिमों, महिलाओं के मुद्दे उठाकर उन्हें भी साधने की कोशिश की। भीड़ में युवाओं की संख्या काफी थी। हालांकि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव नहीं आ सके, लेकिन मायावती ने उनकी कमी महसूस नहीं होने दी। गठबंधन की सरकार बनने पर युवाओं को उनके सुनहरे भविष्य की तस्वीर दिखायी। उन्होंने अपने भाषण का काफी हिस्सा बेरोजगारी व गरीबी पर फोकस रखा। इन दोनों मुद्दों पर विपक्षियों को जमकर घेरा। कहा कि जिस तरह 15 लाख का वादा जुमलेबाजी साबित हुआ उसी तरह 72 हजार की घोषणा भी चुनावी है। इस तरह के वादों से गरीबी या बेरोजगारी दूर नहीं होगी। इन दोनों समस्याओं का स्थायी हल उनके यानी गठबंधन के पास है। उनकी सरकार बनी तो हर माह छह हजार रुपये नहीं बल्कि सरकारी व गैरसरकारी नौकरियां दी जाएंगी। जिससे न सिर्फ बेरोजगारी बल्कि लोगों की गरीबी भी दूर होगी। इन पर भी की बात :
- सच्चर कमेटी की सिफारिशें अब तक नहीं कीं लागू।
- अपर कास्ट में भी गरीबों की आर्थिक दशा नहीं सुधरी है।
- सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय की नीति पर होगा काम।
- कार्यकर्ताओं को ओपिनियन पोल से भ्रमित होने की जरूरत नहीं है।
- साम दाम सब अपनाएंगे ये लोग, लेकिन इनसे बचकर रहना।