किसान एक्सप्रेस से कटे सात गोवंशीय पशु, बड़ा हादसा टला
रात अप लाइन की किसान एक्सप्रेस की चपेट में आकर सात गोवंशीय पशुओं की मौत हो गई।
जेएनएन, शाहजहांपुर : रात अप लाइन की किसान एक्सप्रेस की चपेट में आकर सात गोवंशीय पशुओं की मौत हो गई। घटना की सूचना पर वहां हिन्दू संगठनों के पदाधिकारी पहुंच गये। मौके की नजाकत को देखते हुए एसडीएम के निर्देश पर रात में ही नगर पालिका की टीम पहुंची। ट्रैक पर पड़े पशुओं के शवों को हटवाया। उन्हें दफनवाने के लिए जेसीबी से गड्ढा खोदते समय वायर कट गया, जिससे रेलवे की संचार व्यवस्था प्रभावित हो गई। सुबह आरपीएफ व रेलवे के संचार विभाग की टीम वहां पहुंची, जिसके बाद मुरादाबाद मुख्यालय को संयुक्त रिपोर्ट भेज दी गई।
रुद्रपुर गांव के पास गेट संख्या 334 पर कुछ गौवंशीय पशु रेलवे ट्रैक के पास घूम रहे थे। इस बीच किसान एक्सप्रेस आ गई। ट्रेन की चपेट में सात गौवंशीय पशु आ गये, जिनकी मौत हो गई। तीन पशुओं के शव ट्रैक पर गिरने के कारण ट्रेन रुक गई। रेलवे की कोई टीम नहीं पहुंची, लेकिन गौवंशीय पशुओं के कटने की सूचना पर कुछ हिन्दू संगठन के पदाधिकारी वहां पहुंच गये। उन्होंने एसडीएम मोइनुल इस्लाम को सूचना दे दी। एसडीएम ने रात में नगर पालिका ईओ को वहां टीम भेजने को कहा। कुछ ही देर में वरिष्ठ लिपिक दिग्विजय ¨सह टीम के साथ वहां पर पहुंच गये। उन्होंने जेबीसी से ट्रैक पर पड़े शवों को हटवाया। करीब आधा घंटे बाद ट्रेन रवाना हो गई। इसके बाद पालिका टीम ने रात में ही तीनों शवों को पास में गड्ढा खोदवाकर दफन कराया। जेसीबी से गड्ढा खोदते समय रेलवे की टेलीकॉम वायर कट गई, जिससे संचार सेवा प्रभावित हो गई। सुबह होते ही ट्रैक के पास पड़े चार अन्य शवों को हटवाने के लिए जब पालिका की टीम पहुंची तो वहां पर आरपीएफ प्रभारी व रेलवे के तकनीकी विभाग की टीम वहां पर पहुंच गई। उन्होंने वायर कटने को लेकर आपत्ति की, जिस पर वरिष्ठ लिपिक ने बताया कि रात में ट्रैक बाधित था। उन्होंने शव हटाने से पहले ही स्टेशन के कर्मचारियों से संपर्क किया था कि तकनीकी विभाग की टीम को बुला लिया जाए, पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। आरपीएफ पहले तो उनसे गलती से केबल कटने की बात लिखवाने पर अड़ी रही, लेकिन जब पालिका ईओ ने हस्तक्षेप किया तो आरपीएफ, तकनीकी विभाग व उनकी संयुक्त रिपोर्ट बनाकर मुख्यालय पर भेज दी गई।
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मुख्यमंत्री ने बेसहारा पशुओं को पकड़वाकर गौशाला भिजवाने का फरमान दिया था। जिसे प्रशासन ने पूरी तरह से हवा में उड़ा दिया। जिस वजह से क्षेत्र में बेसहारा पशु कस्बे से लेकर ग्रामीण क्षेत्र में न सिर्फ किसानों के लिए मुसीबत बनें है बल्कि खुद भी जान गवां रहे हैं। रविवार रात भी रुद्रपुर गांव के पास ट्रेन की चपेट में आने से सात बेसहारा पशुओं की मौत हो गई।
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पलट जाती ट्रेन
वह तो गनीमत रही कि पशुओं से टकराने के बाद ट्रेन पलटी नहीं। ऐसे में बड़ा हादसा हो सकता था, बावजूद इसके रात में रेलवे प्रशासन ने इसकी सुध लेना तक उचित नहीं समझा। जब केबल कटा तो कंट्रोल से संज्ञान लिया गया।
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रात में करीब साढ़े 11 बजे मौके पर पहुंच गये थे। तड़के तीन बजे तक शव दफन कराए। इस दौरान वायर कट गई। मैंने स्वयं स्टेशन मास्टर को मेमो देने के लिए कहा था, पर रात में कोई भी स्टाफ नहीं आया।
दिग्विजय ¨सह, वरिष्ठ लिपिक नगर पालिका
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रुजवारी गांव में जो गौशाला बनवाई गई थी उसका बाड़ा कमजोर हो गया था। जिस वजह से कुछ पशु भाग गये थे। आज उसकी मरम्मत कराई जा रही है। जो किसान पशुओं को खुला छोड़ देते है उन्हें चिन्हित कराया जा रहा है। उसके बाद कार्रवाई की जाएगी।
मोइन उल इस्लाम, एसडीएम तिलहर
पशुओं को दफनाने के लिए नगर पालिका की टीम ने गड्ढा खोदा था। उसी दौरान लापरवाही से वायर कट गया, सूचना मिलने पर टीम मौके पर गई थी। इसकी रिपोर्ट भेज दी गई है।
वीके ¨सह, इंस्पेक्टर प्रभारी आरपीएफ रेलवे की टीम के साथ ज्वाइंट रिपोर्ट बनायी गई है, जिसमें पूरा घटनाक्रम दिया गया है। रात में ट्रैक से शव हटवाना कानून व रेलवे की व्यवस्था को देखते हुए जरूरी था। अज्ञनातावश केबल कट गया।
सर्वेश कुमार कुशवाहा, ईओ नगर पालिका