शाहजहांपुर में कागजों में सप्लाई भरपूर फिर भी डीएपी किसानों से दूर
डीएपी का संकट खत्म होता नहीं दिख रहा है। भरपूर सप्लाई के दावे के बावजूद समितियों पर किल्लत बनी हुई है। किसानों को पूरे-पूरे दिन इंतजार कराने के बाद उन्हें स्टाक न होने का हवाला देते हुए बैरंग किया जा रहा है
जेएनएन, शाहजहांपुर : डीएपी का संकट खत्म होता नहीं दिख रहा है। भरपूर सप्लाई के दावे के बावजूद समितियों पर किल्लत बनी हुई है। किसानों को पूरे-पूरे दिन इंतजार कराने के बाद उन्हें स्टाक न होने का हवाला देते हुए बैरंग किया जा रहा है। हालत यह कि कुछ जगह समितियों पर ताले ही नहीं खुले। मीरानपुर कटरा हो या जलालाबाद, जैतीपुर, कांट सहित अधिकांश क्षेत्रों में यही हालात हैं। संबंधित अधिकारियों के ध्यान न दिए जाने के कारण समिति संचालकों की मनमानी के कारण दिक्कत बनी हुई है। समय से डीएपी न मिलने के कारण किसानों को गेहूं, आलू आदि की फसलों की बुवाई लेट होने का डर सता रहा है। यह स्थिति तब जबकि बुधवार को जिले में 3712 मीट्रिक टन डीएपी आने व 120 समितियों पर उसका वितरण कराने का दावा किया जा रहा है। समितियों पर लटके ताले
क्षेत्र में जैतीपुर के अलावा खेड़ारठ, मरेना, गढि़या रंगीन, रसेवन, गोविदपुर, जौरा खास, शंकरपुर पिटरहाई में साधन सहकारी समिति संचालित हैं। इन समितियों पर अधिकांश समय ताला लटका रहता है। शंकरपुर पिटरहाई व गढि़या रंगीन समिति के प्रभारी नेत्रपाल तथा मरेना सहकारी समिति के प्रभारी मूंगालाल ने बताया कि समिति पर खाद नहीं आई है।
शाम तक कराया इंतजार, फिर बैरंग
डीएपी के लिए किसानों ने शुक्रवार सुबह से ही किसान सेवा सहकारी समिति पर डेरा डाल दिया, लेकिन शाम तक इंतजार कराने के बाद उन्हें वापस कर दिया गया। इससे पहले सोमवार को भी डीएपी न मिलने पर किसानों ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर जाम लगाया था। जिसके बाद मंगलवार को दो सौ बोरी डीएपी वितरित भी की गई। स्टाक न होने का बना रहे बहाना
साधन सहकारी समिति मनोरथपुर के चंद्रसेन गोदाम में शाम चार बजे तक डीएपी का वितरण नहीं हुआ। किसान भूखे प्यासे इंतजार करते रहे। समिति के कर्मचारी राकेश शुक्ला ने बताया आठ सौ बोरी डीएपी मिली थी जिसे वितरित किया गया है। आज भी 70 किसानों का पंजीकरण किया है। परिवहन की व्यवस्था न हो पाने के कारण कुछ समितियों पर डीएपी पहुंच नहीं सकी। व्यवस्था कर दी गई है। शनिवार सुबह तक सभी के पास स्टाक पहुंच जाएगा। इसके लिए संबंधित एजेंसियों के प्रबंधकों को भी निर्देशित किया गया है। उनसे वितरित, बचे हुए स्टाक का विवरण मांगा है। जहां स्टाक है वहां डीएपी का वितरण न होने के कारणों की जांच होगी।
डा. गणेश गुप्ता, एआर कोआपरेटिव