न्शाहजहांपुर में शराब तस्करों ने लाठियों से पीटकर की ग्रामीण की हत्या
अवैध शराब तस्करों का दुस्साहस ऐसा बढ़ा कि गुरुवार को सरेआम ग्रामीण की हत्या कर दी। आरोपित सात भाइयों को शक था कि ग्रामीण ने उनके काले कारनामे की जानकारी पुलिस को दी थी। वारदात के बाद पुलिस जागी और सातों आरोपितों पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया
जेएनएन, शाहजहांपुर : अवैध शराब तस्करों का दुस्साहस ऐसा बढ़ा कि गुरुवार को सरेआम ग्रामीण की हत्या कर दी। आरोपित सात भाइयों को शक था कि ग्रामीण ने उनके काले कारनामे की जानकारी पुलिस को दी थी। वारदात के बाद पुलिस जागी और सातों आरोपितों पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया।
खमरिया गांव निवासी सुनीत कुमार कश्यप का गांव के रामलड़ैते व दयाराम से विवाद चल रहा था। स्वजन का कहना है कि रामलडैते पक्ष अवैध शराब बनाता है। कुछ समय पहले पुलिस ने कार्रवाई की तो आरोपितों को शक हुआ कि सुनीत ने मुखबिरी की है। गुरुवार को आरोपित पक्ष ने सुनीत को रास्ते में घेरकर लाठियों से पीटना शुरू कर दिया। भाई जोद्धा कश्यप बचाने पहुंचे तो उन्हें भी पीटा। आरोपितों के हाथ में हंसिया आदि भी थे। यह देखकर ग्रामीण बीच-बचाव की हिम्मत भी नहीं कर सके। दोनों भाइयों को मरणासन्न अवस्था में छोड़ आरोपित फरार हो गए। गांव पहुंचे प्रभारी निरीक्षक धर्मेंद्र कुमार सिंह ने दोनों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा जहां डाक्टर ने सुनीत को मृत घोषित कर दिया। जबकि जोद्धा को राजकीय मेडिकल कालेज के लिए रेफर कर दिया गया। जोद्धा सिंह ने पुलिस को बयान दिया कि अवैध शराब की रंजिश में हमला हुआ। सुनीत के बड़े भाई संतराम ने रामलड़ैते, दयाराम, पृथ्वीराज, मनीराम, कमलेश, अखिलेश व कुंवरसेन पर मुकदमा दर्ज कराया। सुनीत हिमाचल प्रदेश में रहकर मजदूरी करते थे। होली पर घर आए तो यहीं मजदूरी करने लगे। जबकि उनकी पत्नी कुसुमा देवी, तीन बेटे व पांच बेटियां अभी भी हिमाचल प्रदेश में ही हैं। सात भाइयों पर मुकदमा
सुनीत के बड़े भाई संतराम ने हत्यारोपित सात भाइयों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। दर्ज कराए मुकदमे में रामलड़ैते, दयाराम, पृथ्वीराज, मनीराम, कमलेश, अखिलेश व कुंवरसेन शामिल है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने के बाद इन आरोपितों को गिरफ्तार करने के लिए कई जगह दबिशें दी। हंसिया व टकोले देख मची अफरा-तफरी
गाली-गलौज से शुरू हुए विवाद के बाद आरोपित पक्ष से लोग हंसिया, टकोले आदि धारदार हथियार भी लेकर पहुंच गए। जिस वजह से सुनीत को बचाने के लिए भी ग्रामीण आगे नहीं बढ़े। इसके अलावा अफरा-तफरी भी मच गई। हिमाचल प्रदेश में करते थे मजदूरी
सुनीत हिमाचल प्रदेश में रहकर मजदूरी करते थे। होली पर वापस घर आ गए थे। इसके बाद गांव में रहकर ही मजदूरी व खेती में भाइयों का हाथ बंटाने लगे थे। जबकि उनकी पत्नी कुसुमा देवी, तीन बेटे व पांच बेटियां अभी भी हिमाचल प्रदेश में ही रह रहे है। आरोपित सातों भाइयों पर मुकदमा दर्ज कर लिया है। जो आरोप लगाए गए है उनकी भी जांच की जा रही है। गांव में अब किसी तरह का तनाव नहीं है।
संजीव कुमार वाजपेयी, एएसपी ग्रामीण