गुलनाज ने छोड़ा इस्लाम, हिंदू बन नाम रखा विराट
गुलनाज ने छोड़ा इस्लाम बन गए हिंदू
गुलनाज ने छोड़ा इस्लाम, हिंदू बन नाम रखा विराट
जेएनएन, शाहजहांपुर : नाम-गुलनाज, धर्म-इस्लाम। परिवार, पड़ोस और रिश्तेदारों की पूजा पद्धति से इतर उन्हें बालाजी में आस्था हो गई। चार वर्ष पहले मांसाहार छोड़ दिया। जहां भी अवसर मिलता, ईश्वर का ध्यान कर लेते। मंगलवार को उन्होंने बड़ा निर्णय ले लिया। सीताराम मंदिर पहुंचकर इस्लाम छोड़कर हिंदू बन गए। पूजन के बाद श्रीराम और भक्त हनुमान का जयघोष किया। कहा, अंतरात्मा की आवाज पर निर्णय लिया है। हमारे पूर्वज हिंदू थे, इसलिए यह मेरी घर वापसी है।
मिश्रीपुर गांव निवासी गुलनाज उर्फ विराट फैक्ट्री में बढ़ई का काम करते हैं। बोले, बालाजी में आस्था बढ़ती गई तो इस्लाम छोड़ने का मन बना लिया। परिवार, रिश्तेदार और समाज के विरोध का डर था इसलिए लंबे समय तक यह बात किसी से नहीं कही। करीब चार वर्ष पहले विश्व हिंदू परिषद के जिला मंत्री राजेश अवस्थी को मन की बात बताई। कहा कि हिंदू बन सनातन पद्धति का अनुसरण करना चाहता हूं। उन्होंने जवाब दिया कि खूब विचार कर लो, इसके बाद बताना। चार वर्ष इंतजार के बाद उन्होंने स्वीकृति दी। मंगलवार को वह विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं के साथ खिरनीबाग मुहल्ला स्थित सीताराम मंदिर पहुंचे। वहां स्नानादि के बाद पंडित विनीत शुक्ला ने हवन, पूजन कराया। गोरक्षक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद्मनाभ महाराज व राजेश अवस्थी ने उन्हें श्रीराम नाम का पटका पहनाया, गीता भेंट की। इसके बाद गुलनाज ने अपना नया नाम विराट कुमार रख लिया। हिंदू धर्म अपनाने के बाद अविवाहित विराट ने कहा कहा- अब मैं और मुझसे आगे की पीढ़ी हिंदू होगी।
हर पुराने किले व भवन में सनातन धर्म के प्रमाण : गुलनाज उर्फ विराट ने कहा कि सनातन ही सत्य है। हर पुराने किले या भवन में इसी के प्रमाण मिलेंगे। अयोध्या में श्रीराम का मंदिर इन्हीं साक्ष्यों पर बन रहा। ज्ञानवापी परिसर में शिवलिंग मिलने पर भी कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए। बोले, मैं बालाजी का भक्त हूं, इसलिए कोई भय नहीं। घर में मां और बहन की चिंता होती है। उन्हें बताकर हिंदू बना हूं। पहले उन्होंने विरोध किया, बाद में मेरी जिद पर चुप हो गईं। यदि वे लोग भी साथ आना चाहें तो स्वागत है।
पूर्व से ही पैर छूकर जयश्री राम कहते थे गुलनाज : विश्व हिंदू परिषद के जिला मंत्री राजेश अवस्थी ने बताया कि गुलनाज उर्फ विराट को 10 वर्ष से जानते हैं। चार वर्ष से नजदीकी संपर्क हो गए। वह जब भी मिलते तो पैर छूकर जयश्री राम कहते। आस्था जताने के बाद एक बार गुलनाज ने भूल से मांसाहार कर लिया। अगले दिन उनके 36 हजार रुपये खो गए। उन्होंने सरायकाइयां में बालाजी मंदिर में अर्जी लगाई। इस बीच ध्यान आया कि जैकेट में रुपये रखे हैं। उस दिन के बाद से उनकी बालाजी में आस्था बढ़ गई। उनके चाचा भी दुर्गा माता के भक्त हैं। गुलनाज के लिए जयपुर में भी नौकरी की बात कर ली है।