जाम में न फंसे आक्सीजन, हुलासनगरा पर बनेगा ग्रीन कॉरिडोर
आक्सीजन की बढ़ी मांग के बीच इसकी आपूर्ति समय से करना सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है। इसके लिए रेलवे से लेकर वायुसेना तक की मदद ली जा रही है। सड़क से भी टैंकर प्लांट पर पहुंचाए जा रहे हैं। लखनऊ दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर लगने वाला जाम आक्सीजन की सप्लाई में देरी का कारण न बने इसके लिए एनएचएआइ ने शनिवार को ग्रीन कारिडोर बनाने का काम शुरू कर दिया है। वहींएडीशनल सर्विस रोड का निर्माण भी होगा।
जेएनएन, मीरानपुर कटरा, शाहजहांपुर : आक्सीजन की बढ़ी मांग के बीच इसकी आपूर्ति समय से करना सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है। इसके लिए रेलवे से लेकर वायुसेना तक की मदद ली जा रही है। सड़क से भी टैंकर प्लांट पर पहुंचाए जा रहे हैं। लखनऊ दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर लगने वाला जाम आक्सीजन की सप्लाई में देरी का कारण न बने इसके लिए एनएचएआइ ने शनिवार को ग्रीन कारिडोर बनाने का काम शुरू कर दिया है। वहीं,एडीशनल सर्विस रोड का निर्माण भी होगा। एनएचएआइ ने हाईवे निर्माण कर रही पीआरएल कंपनी को ग्रीन कारिडोर बनाने के निर्देश दिए हैं। दोपहर बाद हुलासनगरा क्रासिग से कटरा की ओर इसका काम शुरू हो गया।
सात सौ मीटर लंबाई, एंबुलेंस को छूट
पीआरएल के एडिशनल प्रोजेक्ट मैनेजर संजय घोष ने बताया कि यह कारिडोर सात सौ मीटर लंबा होगा। दो दिन के अंदर इसे तैयार करा दिया जाएगा। आक्सीजन से संबंधित वाहनों के अलावा कोई दूसरा वाहन प्रवेश न करे इसके लिए बैरिकेडिग होगी। एंबुलेंस को छूट रहेगी।
इसलिए बनवाया जा रहा कॉरिडोर
जर्जर सिगल सर्विस रोड होने के कारण हुलासनगरा क्रासिग बंद होने पर जाम लग जाता है। ऐसे में आए दिन एंबुलेंस व आवश्यक सेवा वाले वाहन फंसते हैं। आक्सीजन समय से प्लांट व अस्पतालों तक पहुंचाना सरकार की प्राथमिकता है इसलिए यह कारिडोर बन रहा है। इसमें बैरिकेडिग के लिए ड्रम में मिट्टी भरवाने व लेवलिग का काम हुआ। उसके बाद पत्थर व डामर डाला जाएगा।
टूटी नींद, एडिशनल सर्विस रोड पर भी काम शुरू
गुरुवार को हुए हादसे के बाद शनिवार को एनएचएआइ के अधिकारियों की नींद टूटी। अधिकारियों के निर्देश पर हुलासनगरा से फतेहगंज पूर्वी के लिए अधूरे एडिशनल सर्विस रोड पर काम शनिवार को शुरू हो गया। यहां डबल रोड होने के कारण फिलहाल ग्रीन कारिडोर नहीं बन रहा है। दिन में यहां भी मिट्टी की लेवलिग का काम कराया गया। हालांकि ओवरब्रिज का निर्माण शुरू कराने को लेकर अब तक रेलवे व एनएचएआइ के अधिकारियों ने स्थिति स्पष्ट नहीं की है। तब तक एप्रोच रोड व सर्विस रोड पर ही काम होगा।
वर्जन
हमने ग्रीन कारिडोर व एडिशनल सर्विस रोड पर काम शुरू कर दिया है। इसका ओवरब्रिज की एप्रोच रोड के कार्य पर कोई असर नहीं पड़ेगा। दोनों साइड से एप्रोच रोड का कार्य 31 मई 2021 तक पूरा करना है। ओवरब्रिज पर कार्य करने का आदेश अभी नहीं मिला है। गार्डर की टेस्टिग रिपोर्ट के आधार पर रेलवे के अधिकारी बताएंगे कि यही गार्डर प्रयोग होंगे या इन्हें बदला जाएगा। तब तक एप्रोच रोड तैयार करा दी जाएंगी।
संजय घोष, एडीशनल प्रोजेक्ट मैनेजर पीआरएल