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हाईस्कूल में कम अंक आने पर छात्रा ने फंदे पर लटककर दी जान

हाईस्कूल में कम अंक आने पर छात्रा ने फंदे पर लटककर दी जान

By JagranEdited By: Published: Fri, 24 Jun 2022 10:56 PM (IST)Updated: Fri, 24 Jun 2022 10:56 PM (IST)
हाईस्कूल में कम अंक आने पर छात्रा ने फंदे पर लटककर दी जान

हाईस्कूल में कम अंक आने पर छात्रा ने फंदे पर लटककर दी जान

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जेएनएन, शाहजहांपुर : हाईस्कूल में कम अंक होने पर छात्रा ने फंदे पर लटककर आत्महत्या कर ली। छात्रा ने परीक्षा परिणाम आने के बाद अवसाद में आकर खाना भी छोड़ दिया था। हालांकि छात्रा के स्वजन पहले कम अंक आने के बजाय फेल होने पर आत्महत्या की बात कह रहे थे। जैतीपुर थाना क्षेत्र के बैसरी गांव निवासी महेंद्र कुमार की 16 वर्षीय बेटी वर्षा ने इस वर्ष हुई हाईस्कूल की परीक्षा दी थी। 18 जून को जब परिणाम आया तो वर्षा के अंक कला विषय में छोड़कर सभी में कम आये। जिस वजह से उसने खाना भी छोड़ दिया था। स्वजन के काफी समझाने के बाद भी वह गुमसुम रह रही थी। शुक्रवार को भाई अजय, विजय समेत सभी स्वजन अपने काम में लग गए। इस बीच मौका पाकर वर्षा अपने कमरे में चली गई। जहां कुंडे पर रस्सी के फंदे से लटककर जान दे दी। कुछ देर बाद जब अजय की पत्नी कमरे में गई तो वर्षा का शव लटका देख वह दंग रह गई। उन्होंने अजय व अन्य स्वजन को बुलाया। छात्रा की मृत्यु होने की जानकारी होने पर एसओ राजेश बाबू मिश्रा ने पुलिस को मौके पर भेजा। भाई अजय ने बताया कि वर्षा ने सभी को फेल होने के बारे में बताया था। लेकिन अंक पत्र किसी ने नहीं देखा था। लेकिन परीक्षा परिणाम देखने पर उसमे अंक कम है। एसओ जैतीपुर ने बताया कि राजेश बाबू मिश्र छात्रा के स्वजन से पूछताछ की गई तो उन्होंने हाईस्कूल में फेल होने की वजह से आत्महत्या करना बताया। लेकिन अंक पत्र के आधार पर छात्रा उत्तीर्ण है, लेेकिन अंक कम का प्रमाण पत्र होने की भी बात सामने आ रही है। ऐसे में पूरे प्रकरण की जांच कराई जाएगी, ताकि सच्चाई सामने आ सके। राजकीय मेडिकल कालेज के मनोचिकित्सक डा. शेषांक गंगवार एक परीक्षा में फेल होने से कभी यह तय नहीं हो सकता है कि वह बच्चा जीवन में आगे कभी कामयाब नहीं हो सकता है। अभिभावकों को बच्चों पर कोई लक्ष्य नहीं थोपना चाहिए। यदि अंक कम आए है या फिर बच्चा फेल हो गया है तो उसे डांटने, ताने मारने के बजाय आगे की पढ़ाई के बारे में बात करनी चाहिए। यदि फिर भी बच्चा तनाव में है तो विशेषज्ञ के जरिये काउंसलिंग करानी चाहिए।


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