फ्रांस में साइकिल से उड़ान भरेगा गगन
हाईस्कूल में टॉप करने पर दादा कालाराम ग्रोवर से मिले।
शाहजहांपुर : हाईस्कूल में टॉप करने पर दादा कालाराम ग्रोवर से मिले साइकिल के इनाम से गगन ग्रोवर के प्रगति के पंख लग गए। ¨जदगी के प्रथम पुरस्कार से ऐतिहासिक पहचान बनाने के लिए गगन ने दादाजी की साइकिल से पूरे जिले की यात्रा की। दशक भीतर हाइटेक साइकिल से पूरे देश को नाप लिया। अब विश्वस्तरीय फ्रांस रेस के लिए सूरत से माउंट आबू की 1000 किमी क्वालिफाइंग साइकिल रेस पूरी कर नाम दर्ज करा लिया है। अगस्त 2019 में होने वाली पेरिस ब्रेस्ट पेरिस फ्रांस रेस के लिए गगन रोजाना कड़ा अभ्यास कर रहे हैं। ग्लोबल वार्मिंग की यात्रा से प्रभावित होकर साथियों ने छोड़ दी कार
2009 में गगन ने ग्लोबल वार्मिंग जागरूकता के लिए पुणे से मुंबई, पुणे- कोल्हापुर, पुणे- गोवा और पुणे से कन्याकुमारी तक साइकिल से यात्रा की। इस यात्रा से प्रभावित होकर एनवीडिया के तमाम साथियों ने कार के बजाय साइकिल से दफ्तर आना शुरू कर दिया।
मुश्किलों से लड़ने में मिली हिम्मत
2010 में 1770 किमी की पुणे- कन्याकुमारी यात्रा में गगन के सामने मुश्किलें पहाड़ बनकर आई। लेकिन हिम्मत से वह आगे बढ़ते गए। इस यात्रा के बाद उन्होंने फ्रांस यात्रा के लिए नाम दर्ज करा लिया।
मौसम भोजन से 191 किमी दूर रह गया मेडल
2011 में गगन 1200 किमी की फ्रांस रेस (पेरिस ब्रेस्ट पेरिस) के लिए सिलेक्ट कर लिए गए। लेकिन मौसम की नासमझी में वह 1009 किमी की यात्रा के बाद बीमार हो गए। लगातार बारिश से 2 से 4 डिग्री सेल्सियस तापमान होने पर वह पिछड़ गए। शाकाहारी होने की वजह से उन्हें उचित खुराक भी नहीं मिल सकी।
विश्वस्तरीय खिताब के लिए कड़ी मेहनत
साइकिल रेस से गगन अब तक 15 राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय मेडल जीत चुके हैं। लेकिन फ्रांस रेस जीतना उनका सपना है। चार साल के अंतराल पर होने वाली पेरिस ब्रेस्ट पेरिस के लिए सूरत से माउंट आबू तक 1000 किमी क्वालिफाइंग रेस तीन दिन में पूरी की। अब वह योग, प्राणायाम, आसन, साइकिलिंग की कड़ी मेहनत में जुटे हैं।
ब्लाइंड साथी के साथ साइ¨क्लग में देश के इकलौते खिलाड़ी
2016 में गगन ग्रोवर ने मनाली से खुरदुंग-ला-टाप तक ब्लाइंड साथी के साथ साइकिल यात्रा कर इतिहास रचा। टंडेम साइकिल से ब्लाइंड साथी के साथ यात्रा से शाहजहांपुर के गगन देश के इकलौते खिलाड़ी है।
साइकिल से उड़ान को गगन ने अपनाए ये नियम
- एक दिन में 108 सूर्य नमस्कार
- दूसरे दिन 50 किमी की साइ¨क्लग
- तीसरे दिन 20 किमी की र¨नग
- चौथे दिन एक्सरसाइज, पांचवे दिन रेस्ट
- शनिवार व रविवार की छुट्टी में 100 किमी की साइकिल रेस
विश्व में इंडिया की रैं¨कग बढ़ाना ही सपना
2011 में पहली बार भारत फ्रांस रेस में शामिल हुआ। अब भारत साइकिलिंग रैं¨कग में विश्व में टॉप 10 में है। फ्रांस रेस में करीब चार लाख का खर्च आएगा। जो स्वयं वहन करना पड़ेगा। प्रदूषण नियंत्रण, जागरूकता व ग्लोबल वार्मिंग सरीखे संदेश के लिए साइकिलिंग बेहद जरूरी है। मेरे पास दस साल पुरानी रोड रेसर साइकिल है, जिसकी वर्तमान में कीमत 90 हजार है।
इं. गगन ग्रोवर, साइकिल रेसर