फसल नुकसान पर किसानों को ठेंगा दिखा रही बीमा कंपनी
फसल बीमा योजना किसानों के लिए छलावा साबित हो रही है। फसल ऋण से प्रीमियम लेकर बीमा कंपनियों ने लक्ष्य पूरा कर लिया।
जेएनएन, शाहजहांपुर : फसल बीमा योजना किसानों के लिए छलावा साबित हो रही है। फसल ऋण से प्रीमियम लेकर बीमा कंपनियों ने लक्ष्य पूरा कर लिया। किसानों से करोड़ों की प्रीमियम वसूली के बाद क्लेम में तमाम नियम लागू कर दिए। नतीजतन हजारों किसान क्लेम से वंचित रह गए। सामान्य किसानों को फसल बीमा के लिए प्रेरित नहीं किया गया।
वर्ष 2018-19 में खरीफ सीजन के दौरान टाटा एआइजी बीमा कंपनी ने ऋण लेने वाले 24452 किसानों के बैंक खाते से 358.37 लाख की प्रीमियम ले ली। ओलावृष्टि, अतिवृष्टि से हजारों किसानों को नुकसान हुआ। लेकिन क्लेम मात्र 476 किसानों को 12.86 लाख देकर कंपनी ने घर बैठे 346 लाख कमा लिए। इसी तरह रबी सीजन में 17026 किसानों से 434.12 लाख की प्रीमियम वसूली करके मात्र 71 किसानों को 8.04 लाख का भुगतान किया गया। इस तरह कंपनी ने 426 लाख की कमाई कर ली। जबकि ओलावृष्टि से किसानों को भारी नुकसान हुआ। इस वर्ष खरीफ सीजन में भी 18216 किसानों से 123.05 लाख की प्रीमियम ली गई। क्लेम किसी को नहीं मिला। विधायक की शिकायत पर बदली कंपनी
विधायक रोशनलाल वर्मा ने फसल बीमा में घपला की शासन स्तर पर शिकायत भी की। लेकिन किसानों को राहत न मिली। हालांकि टाटा एआइजी की जगह इस बार सोम्पो युनिसर्वल कंपनी को बीमा के लिए अधिकृत किया गया है।
इन कारणों पर मिलता है क्लेम
ओलावृष्टि, भू स्खलन, जल भराव, चक्रवाती वर्षा, आकाशीय बिजली से क्षति शर्त - 72 घंटे के भीतर कृषि विभाग को बीमा कंपनी को खसरा के साथ सूचना देना अनिवार्य।
- गैर ऋणी किसान सीधे बैंक शाखा, बीमा कंपनी जनसेवा केंद्र से संपर्क कर योजना का लाभ ले सकते हैं।
- गैर ऋणी किसानों को खसरा, खतौनी, भूमि रिकार्ड, आधार कार्ड, बैंक एकाउंट पासबुक लाना अनिवार्य 31 दिसंबर फसल बीमा की अंतिम तिथि, कंपनी ने नहीं किया किसानों से संपर्क
इस बार युनिवर्सल सोम्पो जनरल इंश्योरंस कंपनी को बीमा का टेंडर मिला है। इस कंपनी के कर्मचारी भी घर बैठे लक्ष्य पूरा करने में जुटे हैं। 31 दिसंबर अंतिम तिथि होने पर सिर्फ बैंकों से संपर्क किया जा रहा है। किसानों को जागरूक करने के लिए अभी तक बीमा कंपनी ने कोई संगोष्ठी तक नहीं की। हालांकि कंपनी ने आशीष अवस्थी, अभिषेक कुमार को यहां नियुक्त कर दिया है। 9125975060 तथा 7498193942 नंबर पर हेल्पलाइन सेवा भी शुरू कर दी है। लेकिन सीधे किसी भी किसान को प्रेरित कर फसल बीमा नहीं किया गया।
फसल बीमा व क्लेम के आंकड़े
वर्ष : सीजन - बीमित कृषक - बीमित क्षेत्रफल - प्रीमियम - क्षतिपूíत कृषक संख्या - क्लेम धनराशि
2018-19 : खरीफ - 24452 - 16630.00 - 358.37 - 476 - 12.86 लाख 2018-19 : रबी - 17026 - 11874.81 - 434.12 - 71 - 8.04 लाख 2019-20 : खरीफ - 18216 - 13778.24 - 123.05 - शून्य - शून्य
2019-20 : रबी - 31 दिसंबर 2019 तक कृषकों का फसल बीमा किए जाने का लक्ष्य फैक्ट फाइल
- 409052 लाख है जिले में किसान
- 18216 ऋणी किसानों का ही हुआ फसल बीमा
- 4.45 फीसद ही किसान फसल बीमा से उपकृत फोटो 14 एसएचएन 23
रबी फसल का बीमा कराने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर है। फसल ऋण लेने वाले किसानों का सीधे बीमा हो जाता है। किसान सीधे भी बीमा करा सकते हैं। गत वर्षों में किसानों को क्लेम मिला लेकिन संख्या कम रही।
डा. सतीश चंद्र पाठक, जिला कृषि अधिकारी