बुंदेलखंड से जुड़े मिले फर्जी बिजली मीटर रैकेट के तार
जेएनएन, शाहजहांपुर : बिजली चेकिंग में पकड़े गए फर्जी बिजली मीटर मामले के तार बुंदेलखंड से जुड़े मिले हैं। कुछ मीटर झांसी, ललिपुर क्षेत्र के है। सौभाग्य योजना के दौरान के इन मीटरों का बिजली विभाग में कोई रिकार्ड नहीं है। फर्जी मीटर की वजह से संबंधित फीडरों का लाइन लास बढ़ने के साथ विभाग को राजस्व घाटा भी हो रहा है।
मई माह में शुरू किए गए बिजली चेकिंग अभियान में विद्युत अभियंताओं की टीम ने कांट समेत कई क्षेत्रों में बीस से अधिक फर्जी मीटर पकड़े हैं। विभागीय अभिलेखों में मीटर का ब्योरा दर्ज न होने पर सभी उपभोक्ताओं के खिलाफ बिजली चोरी की रिपोर्ट दर्ज की गई है। अभी तक जांच में कुछ बिजली मीटर दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम क्षेत्र के ललितपुर व झांसी के मिले है। यह मीटर यहां कैसे पहुंचे इसकी जांच की जा रही है।
सौभाग्य योजना के तहत जनपद में बजाज समेत कई कंपनियों ने बिजली मीटर लगाने का काम किया। दिसंबर 2020 में योजना बंद होने के बावजूद उपभोक्ता जागरूकता के अभाव में मीटर लगवाते रहे। लेकिन इन मीटरों को विभागीय अभिलेखों में कोई ब्योरा दर्ज नहीं पाया गया। बिजली चेकिंग अभियान में अब राजफाश हो रहा है।
सैकड़ों मीटरों के क्षेत्र बदले
जांच में कई मीटरों के क्षेत्र बदले पाए गए। उपभोक्ता जब बिजली बिल जमा करने पहुंचे तो विभाग में दूसरा नाम मिला। विभागीय अधिकारियों ने उपभोक्ताओं का बिजली मीटर नियमित का राहत दी, लेकिन फर्जीवाड़ा करने वाले अभी तक पकड़े नही जा सके।
इस तरह पकड़े गए फर्जी बिजली मीटर
बिजली मीटर पर निर्माण कंपनी का नाम, निर्माण वर्ष, खरीद आदेश संख्या तथा एंपियर में विद्युत भार क्षमता का अंकन होता है। जब यह मीटर विभाग की ओर से उपभोक्ता के यहां लगाया जाता है तो मीटर को सील करते समय प्रयोगशाला संख्या तथा उपभोक्ता संख्या लिख दी जाती है। जांच में उपभोक्ता संख्या को फीड करने पर बिल आ जाता है। लेकिन फर्जी मीटर में कंपनी व निर्माण वर्ष मिला, लेकिन प्रयोगशाला व उपभोक्ता संख्या गायब मिली।
जांच करके की लगवाए बिजली मीटर
विद्युत वितरण खंड कांट, आवास विकास क्षेत्र के उप खंड अधिकारी अवनीश त्रिवेदी ने उपभोक्ताओं को जांच करके ही बिजली मीटर लगाने की सलाह दी है। बताया कि बाजार में मीटर बिक रहे है। जिनका विभाग से कोई मतलब नहीं है। जब तक मीटर पर लैब (प्रयोगशाला) संख्या तथा उपभोक्ता संख्या न लिखी हो, मीटर नहीं लगवाना चाहिए। उन्होंने विभाग की अधिकृत व्यक्ति की आइडी देखकर ही बिजली मीटर लगवाने पर जांच किए जाने की सलाह दी है।
Edited By Jagran