कानपुर के बोरों में पैक होती थी जिप्सम से बनी नकली डीएपी
नकली डीएपी (डाई अमोनियम फॉस्फेट) बनाने के लिए शातिर कारोबारी आयुष गोयल कानपुर से इफ्को डीएपी के बोरे लाकर उसमें जिप्सम की रिपैकिग करता था। इस कारोबार में इसका मुख्य सहयोगी था तिलहर का पंकज वर्मा। नकली खाद के आरोप में जेल गए कटियाटोला निवासी अतुल गुप्ता समेत कुछ अन्य भी मददगार बने।
जेएनएन, शाहजहांपुर : नकली डीएपी (डाई अमोनियम फॉस्फेट) बनाने के लिए शातिर कारोबारी आयुष गोयल कानपुर से इफ्को डीएपी के बोरे लाकर उसमें जिप्सम की रिपैकिग करता था। इस कारोबार में इसका मुख्य सहयोगी था तिलहर का पंकज वर्मा। नकली खाद के आरोप में जेल गए कटियाटोला निवासी अतुल गुप्ता समेत कुछ अन्य भी मददगार बने। आयुष गोयल ने अपना काम जिले से बाहर बढ़ाया तो बदायूं, सीतापुर, फर्रुखाबाद समेत छह जिलों के नटवरलाल भी साथ आ गए। शातिर कारोबारी पकड़े जाने के भय से नकली डीएपी की डिमांड मिलने के बाद ही ठिकाना बदलकर खाद बनाते थे। शहर में विसरात रोड का गोदाम मुख्य अड्डा था। यहां से तिलहर, निगोही, पुवायां, कलान, जैतीपुर तथा सदर तहसील में कई स्थलों पर कारोबार चलता था। सर्विलांस की मदद से अन्नदाताओं के गुनाहगारों तक पहुंची पुलिस
गत माह गुटैया फार्म व लोदीपुर में छापेमारी के दौरान नकली डीएपी पकड़े जाने के बाद कारोबारियों के मोबाइल से मिले नंबरों को सर्विलांस पर लगाया गया। इसके बाद जिला कृषि अधिकारी ने तानाबना बुना। सर्विलांस से लोकेशन ट्रेस होने पर आयुष गोयल को उठा लिया गया।
अतुल खाद भंडार के सभी नमूने फेल
कृषि विभाग की टीम ने गत माह गुटैया फार्म तथा अतुल खाद भंडार से डीएपी के 13 नमूने लिए थे। परीक्षण में सभी को अधोमानक घोषित कर दिया गया। 18 फीसद नाइट्रोजन तथा 46 फीसद फॉस्फेट के सापेक्ष नमूनों में सात फीसद से कम नाइट्रोजन तथा 15 फीसद से कम फॉस्फेट पोषक तत्व पाए गए है। जिला कृषि अधिकारी डा. सतीश चंद्र पाठक ने बताया प्रतिवर्ष 260 नमूना संग्रह का लक्ष्य है। सामान्य तौर पर 6 से सात फीसद नमूने फेल होते है, लेकिन गुटैया फार्म व लोदीपुर से लिए गए सभी नमूने फेल पाए गए हैं।