नहीं रुक रहा महिलाओं का उत्पीड़न, 21 ने सुनाई अपनी व्यथा
जेएनएन, शाहजहांपुर : दहेज उत्पीड़न रोकने के लिए भले ही सख्त कानून बनाया गया है। समय-समय पर कार्यक्रमों के जरिये भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है। लेकिन उसके बाद भी इस तरह के मामले बंद नहीं हो रहे है। बुधवार को राज्य महिला आयोग की सदस्य सुनीता बंसल ने जनसुनवाई की तो उनके सामने भी सबसे ज्यादा घरेलू हिंसा के मामले ही पहुंचे। 21 शिकायतों में आठ घरेलू हिंसा व दहेज उत्पीड़न से संबंधित थी। जिसमे सात का मौके पर ही निस्तारण करा दिया। जबकि अन्य का निस्तारण कराने के लिए संबंधित थाने व अन्य विभागों के अधिकारियों को निर्देशित किया। उन्होंने सरकार की ओर से महिलाओं के हितों में चलाई जा रही योजनाओं का लाभ भी जरूरतमंदों तक समय से पहुंचाने के निर्देश दिए। इसके अलावा राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड न बनने आदि की शिकायतें पहुंची। इस मौके पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव आशुतोष तिवारी, सीओ सिटी सरवणन टी, जिला प्रोबेशन अधिकारी गौरव मिश्रा, महिला थाना प्रभारी निरीक्षक रश्मि अग्निहोत्री, एसीएमओ डा. रोहिताश, अधिवक्ता गुलिस्ता खान आदि मौजूद रहे।
नोएडा गया युवक, पत्नी को छोड़ा
निगोही थाना क्षेत्र के एक गांव की महिला ने आयोग की सदस्य को पत्र दिया। जिसमे उन्होंने बताया कि आठ माह पहले शादी हुई थी। शादी के कुछ दिन बाद ही पति नोएडा में नौकरी करने चला गया। वापस आने पर उसे प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। दहेज की मांग करने लगा। आरोप कि कुछ दिन पहले जबरन मायके छोड़कर चला गया। अब वह साथ में रखने को भी तैयार नहीं है। इसी तरह निगोही क्षेत्र की एक महिला ने अपनी सास पर सरसों का गर्म तेल डालने का आरोप भी लगाया।
बहू-बेटे से परेशान बुजुर्ग के छलक पड़े आंसू
रोजा थाना क्षेत्र के एक मुहल्ला निवासी बुजुर्ग महिला ने अपने बेटे व बहू पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया। एक सप्ताह पहले डीएम उमेश प्रताप सिंह से बुजुर्ग ने न्याय की गुहार लगाई। डीएम के आदेश पर रोजा आरोपित युवक को पकड़कर थाने लेकर आई। लेकिन कुछ देर बाद ही उसे छोड़ दिया गया। आरोप है कि थाने से छूटने के बाद उसने फिर प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। अब रोजा पुलिस कोई सुनवाई नहीं कर रही। माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिक भरण पोषण 2007 एक्ट के तहत कार्रवाई करने का भरोसा दिया गया।
महिला शिक्षिक ने लगाई गुहार
लखीमपुर खीरी जिले के पसगवां थाना क्षेत्र के एक प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिक जनसुनवाई में न्याय की गुहार लगाने पहुंची। उन्होंने पत्र के माध्यम से बताया कि विद्यालय का एक शिक्षामित्र अपने तीन अन्य साथियों के साथ मिलकर छेड़छाड़ करता है। विरोध करने पर नौकरी से निकलवाने की धमकी देता था। आरोप है कि विभागीय अधिकारी भी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे है। आयोग की सदस्य ने खीरी के बीएसए को इस संबंध में जांच कराकर कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया।
जनसुनवाई में नहीं पहुंचे बीएसए
सभी विभाग के अधिकारियों को जनसुनवाई में मौजूद रहने के लिए कहा गया था। लेकिन बीएसए सुरेंद्र प्रताप सिंह नहीं पहुंचे। जिस पर आयोग की सदस्य ने नाराजगी जताई। उन्होंने जिला प्रोबेशन अधिकारी से इस बारे में जानकारी लेने के लिए कहा। फोन पर संपर्क करने पर पता चला कि विभाग से जिला समन्वयक को प्रतिनिधि के तौर पर भेजा गया था। जरूरी काम से वह जल्दी वहां से आ गई थी।