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सौ रुपये में डॉक्टर खोल रहे मौत का राज, वह भी उधार

एक दशक में बहुत कुछ परिवर्तन आ चुका है। महंगाई भी कई गुना बढ़ चुकी है लेकिन पोस्टमार्टम हाउस में आज भी डॉक्टर मौत के राज महज सौ रुपये में ही खोल रहे हैं। यह भुगतान भी स्वास्थ्य विभाग के बाबुओं की मनमानी की वजह से समय से नहीं हो पाता है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 Sep 2020 11:28 PM (IST)Updated: Thu, 17 Sep 2020 05:03 AM (IST)
सौ रुपये में डॉक्टर खोल रहे मौत का राज, वह भी उधार
सौ रुपये में डॉक्टर खोल रहे मौत का राज, वह भी उधार

अजयवीर सिंह, शाहजहांपुर

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एक दशक में बहुत कुछ परिवर्तन आ चुका है। महंगाई भी कई गुना बढ़ चुकी है, लेकिन पोस्टमार्टम हाउस में आज भी डॉक्टर मौत के राज महज सौ रुपये में ही खोल रहे हैं। यह भुगतान भी स्वास्थ्य विभाग के बाबुओं की मनमानी की वजह से समय से नहीं हो पाता है। इसी तरह की स्थिति फार्मासिस्टों की है, जिन्हें एक शव पर 40 रुपये ही मिलते हैं। इस वजह से अक्सर डॉक्टर व फार्मासिस्ट दोनों ही पोस्टमार्टम ड्यूटी कटवाने का प्रयास करते हैं। यह स्थिति तब है, जब भुगतान सैलरी वाले मद से ही करना होता है।

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यह भी आती हैं दिक्कतें

डॉक्टरों के मुताबिक जब पोस्टमार्टम के लिए ड्यूटी लगने की जानकारी मिलती है तो दो से तीन दिन सपने में सिर्फ लाशें ही नजर आती हैं। बहुत से शव कई-कई दिन पुराने होते हैं। कितनी भी सेफ्टी कर ली जाए, लेकिन बदबू कम नहीं होती है। इसके बाद कुछ भी करने की इच्छा नहीं होती है।

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एक दशक से नहीं बढ़े रुपये

पहले एक शव का पोस्टमार्टम करने के लिए डॉक्टर को 10 व फार्मासिस्ट को चार रुपये मिलते थे। 2009 में इसे बढ़ाकर क्रमश: 100 व 40 रुपये कर दिया गया। इसके बाद से अब तक कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है।

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गत वर्ष हुए थे 1200 पोस्टमार्टम

अप्रैल 2019 से मार्च 2020 तक शाहजहांपुर में 1200 शव पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे थे। मार्च से अभी तक 500 से अधिक पोस्टमार्टम हो चुके हैं, जिनका भुगतान लंबित है। संबंधित चिकित्सक कई बार सीएमओ कार्यालय के चक्कर लगा चुके हैं, लेकिन हर बार निराशा ही हाथ लगी है।

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रुपये बढ़ाने की उठाई मांग

उड़ीसा में एक शव के पोस्टमार्टम पर डॉक्टर को 500 रुपये मिलते हैं। ऐसे में कई बार उड़ीसा की तर्ज पर यहां भी रुपये बढ़ाने की मांग उठ चुकी है, लेकिन उस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया।

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कहने के लिए डॉक्टर को हर शव के पोस्टमार्टम के लिए 100 रुपये जाते हैं, लेकिन किसी भी डॉक्टर को भुगतान नहीं किया जा रहा है। एक साल पहले भी यही स्थिति थी।

अजय नागर, महामंत्री, चिकित्सा अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त समिति

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कोरोना संक्रमण की वजह से इस बार भुगतान पर रोक भी लगी है। वैसे पोस्टमार्टम से संबंधित किसी का भुगतान रोका नहीं जाता है।

डॉ. एसपी गौतम, सीएमओ


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