कोरोना पर भारी पड़ी श्रद्धा, श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी
शासन ने कोविड संक्रमण देख इस बार कार्तिक पूर्णिमा मेला की व्यवस्था नहीं की लेकिन आस्था के सैलाब में कोरोना का खौफ बह गया। शाम तक 80 हजार लोगों ने पतित पावनी गंगा में स्नान व हवन पूजन के बाद कन्याओं को भोज कराया। डेढ़ किमी तक श्रद्धालुओं की कतार लगी रही।
जेएनएन, मिर्जापुर, शाहजहांपुर : शासन ने कोविड संक्रमण देख इस बार कार्तिक पूर्णिमा मेला की व्यवस्था नहीं की, लेकिन आस्था के सैलाब में कोरोना का खौफ बह गया। शाम तक 80 हजार लोगों ने पतित पावनी गंगा में स्नान व हवन पूजन के बाद कन्याओं को भोज कराया। डेढ़ किमी तक श्रद्धालुओं की कतार लगी रही। सोमवार तड़के से लेकर देर शाम तक गंगा मइया के जयघोष गूंजते रहे। पंडा समाज ने ढाई घाट पर कार्तिक मेला की व्यवस्थाएं रखीं। कुछ दुकानदारों के पहुंचने से मेला भी लग गया। यह देख एसपी ने पुलिस सुरक्षा के साथ पीएसी की फ्लड यूनिट बुला ली।
कराए मुंडन संस्कार, गंगा को अर्पित किए वस्त्र
ढाई घाट बस, जीप, ट्रैक्टर ट्राली, बाइक, घोड़ा बग्गी आदि से पहुंचे श्रद्धालुओं ने धार्मिक अनुष्ठान के साथ बच्चों के मुंडन संस्कार कराए। पंडा समाज को अंगवस्त्र भेंट किया। बच्चों ने चाट पकौड़ी तथा झूलों का आनंद लिया।
खुले आसमान के नीचे गुजारी रात
जिला पंचायत की ओर से इस बार पंडाल आदि की व्यवस्था न किए जाने पर श्रद्धालुओं को खुले आसमान के नीचे रात गुजारनी पड़ी। रेत की चादर पर बिछौना बिछाकर श्रद्धालुओं ने जप साधना की। महिलाओं को शौचक्रिया तथा स्नान के बाद कपडे़ बदलने में परेशानी से जूझना पड़ा। भीड़ में दो गज दूरी का पालन और मास्क नहीं दिखा। श्रद्धालुओं की भीड़ के आगे पुलिस भी बेबस नजर आई।
वर्जन
कार्तिक पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं को गंगा स्नान के लिए रोका नहीं जा सकता हैं। श्रद्धालु गंगा स्नान के बाद शांति पूर्वक घरों को लौट गए। गंगा तट पर मेला नहीं लगाया गया। सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध रहे।
रमेश बाबू, एसडीएम कलान