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पीछे बैठी सवारी के हेलमेट न लगाने पर भी हो सकता है चालान

वाहन का रजिस्ट्रेशन कराना हो या फिर ड्राइविग लाइसेंस बनवाना। इन कार्यों को कराने के लिए लोग अब भी दूसरों की मदद लेते हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 27 Nov 2019 11:44 PM (IST)Updated: Wed, 27 Nov 2019 11:44 PM (IST)
पीछे बैठी सवारी के हेलमेट न लगाने पर भी हो सकता है चालान
पीछे बैठी सवारी के हेलमेट न लगाने पर भी हो सकता है चालान

जेएनएन, शाहजहांपुर : वाहन का रजिस्ट्रेशन कराना हो या फिर ड्राइविग लाइसेंस बनवाना। इन कार्यों को कराने के लिए लोग अब भी दूसरों की मदद लेते हैं। जबकि पूरा सिस्टम ऑनलाइन हो चुका है। यही स्थिति यातायात नियमों को लेकर है। न सिर्फ आम वाहन चालक बल्कि जिम्मेदार भी सीट बेल्ट व हेलमेट लगाने से गुरेज करते हैं। बुधवार को जागरण प्रश्न पहर के मेहमान एआरटीओ प्रवर्तन मनोज कुमार वर्मा को पाठकों ने फोन पर अपनी समस्याएं बताईं। एआरटीओ ने न सिर्फ निस्तारण का भरोसा दिया, बल्कि सीधे कार्यालय में संपर्क करने की अपील भी की। प्रश्न: सड़कों पर ऑटो और ई-रिक्शा बेढंगे तरीके से खड़ा कर दिए जाते हैं। जिससे जाम की समस्या उत्पन्न होती है।

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हृदेश कुमार, बरेली मोड़

उत्तर: नगर निगम की तरफ से टैक्सी स्टैंड बनवाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। बरेली मोड़ काफी व्यस्त इलाका है।

प्रश्न: दो पहिया वाहनों में पीछे बैठी सवारी को हेलमेट पहनना जरूरी है।

हरपाल सिंह, बंडा

उत्तर: प्रदेश सरकार ने एक नवंबर से दो पहिया वाहनों पर पीछे बैठी सवारी को भी हेलमेट अनिवार्य कर दिया है। पालन नहीं करने पर चालान हो सकता है।

प्रश्न: मेरा ड्राइविग लाइसेंस खो गया। बनवाने की प्रक्रिया क्या है।

गोपीनाथ शुक्ला, सेहरामऊ दक्षिणी

उत्तर: जनसेवा केंद्र पर ऑनलाइन एफआइआर कराकर एआरटीओ कार्यालय में फार्म भरकर जमा कर दें। जल्द ही ऑनलाइन व्यवस्था के तहत लाइसेंस बन जाएगा। प्रश्न: एआरटीओ कार्यालय में ड्राइविग लाइसेंस बनवाने के लिए साढ़े तीन हजार रुपये मांगे जा रहे हैं। लाइसेंस बनवान की कितनी फीस है।

रंजीत सिंह, कांट

उत्तर: लर्निग ड्राइविग लाइसेंस की फीस साढ़े तीन सौ रुपये है और पक्का होने पर एक हजार रुपये फीस जमा होती है।

प्रश्न: हमारी कॉलोनी में घरों के सामने अवैध रूप से ट्रक खड़े कर दिए जाते हैं। लोगों बहुत परेशानी होती है।

सरोज, इंदिरा नगर

उत्तर: टीम को भेजकर आबादी वाले क्षेत्रों से ट्रक हटवाए जाएंगे। अगर फिर भी नहीं मानते है तो कार्रवाई की जाएगी।

प्रश्न: कटरा चौराहा पर प्राइवेट गाड़िया टैक्सी के रूप में चलती हैं। इन पर रोक के लिए क्या कदम उठाएं जाएंगे।

अनूप गुप्ता, कटरा

उत्तर: चेकिग अभियान चलाकर प्राइवेट वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। प्रश्न: पिछले माह एआरटीओ कार्यालय से ड्राइविग लाइसेंस बनवाने के लिए रजिस्ट्रेशन किया था। मोबाइल पर मैसेज आए हुए एक माह से अधिक का समय हो गया है, लेकिन लाइसेंस अभी तक घर नहीं आया है।

विक्रम सिंह रस्तोगी, तिलहर उत्तर: कार्यालय में आरआइ से संपर्क करके कंप्यूटर के माध्यम से लाइसेंस का स्टेटस दिखवा लें। अगर कोई समस्या हो तो हमसे संपर्क करें। प्रश्न: रोजा रेलवे साइडिग पर जो ट्रॉलियां लोड होती है। उनका रजिस्ट्रेशन कॉर्मिशयल नहीं हैं। ईंट भट्टों पर बिना रजिस्ट्रेशन के ट्रॉलियां लगी हैं। दिल्ली के लिए जाने वाली कई डबल डेकर बसों का भी रजिस्ट्रेश्न नहीं है। इनकी कभी चेकिग नहीं की जाती है।

विनीत अवस्थी, रोजा

उत्तर: ट्रैक्टर-ट्रॉलियों का पंजीकरण कराया जा रहा है। साथ ही उनके चालान की कार्रवाई भी हो रही है। प्राइवेट कंपनियों की गाड़ियों की चेकिग होती है। उनका फिटनेस टेस्ट होता है। डबल डेकर वाहनों की चेकिग की जा रही है। पिछले चार माह में 169 बसों को परमिट निरस्त किया गया है। प्रश्न: निगोही में हमजापुर चौराहा से मैजिक और टेपों में ओवरलोडिग होती है। इन पर कार्रवाई होनी चाहिए।

मोहम्मद इस्लाम, निगोही

उत्तर: लगातार इस रूट पर चेकिग चल रही है। ओवरलोडिग करने वाले वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। प्रश्न: ओवरलोड गाड़ियों के चालक का चालान कर दिया जाता है। संबंधित ट्रांसपोर्ट पर कार्रवाई नहीं होती है।

नीरज कुमार गुप्ता, जलालाबाद उत्तर: मोटर एक्ट के तहत ओवरलोडिग कराने वाले ट्रांसपोर्ट के मालिक और संबंधित लोगों खिलाफ कार्रवाई हो रही है। 20 टन से अधिक ओवरलोडिग करने वाले वाहनों का चालान भी किए जा रहे हैं। प्रश्न: नंबर पड़े हुए ई-रिक्शा को रोककर परेशान किया जाता है।

आत्माराम गुप्ता, आरसी मिशन उत्तर: शहर के यातायात पुलिस की तरफ से ई-रिक्शा के लिए रूट निर्धारित हैं। अगर प्रतिबंधित रूट पर ई-रिक्शा चलते है तो उन्हें रोका जाता है।


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