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मछली व सिघाड़े के लिए काट दी नहर

तहसील सदर के गांव दारापुर चठिया के पास मछली पालन व सिंघाड़ा के लिए नहर काट दी गई। अब तक सैकड़ों एकड़ भूमि जलमग्न हो चुकी है। टेल तक पानी जाना भी बंद हो गया है। किसानों ने सिचाई विभाग के अधिशासी अभियंता से मामले की शिकायत की है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 01 Aug 2020 11:34 PM (IST)Updated: Sat, 01 Aug 2020 11:34 PM (IST)
मछली व सिघाड़े के लिए काट दी नहर
मछली व सिघाड़े के लिए काट दी नहर

जेएनएन, शाहजहांपुर : तहसील सदर के गांव दारापुर चठिया के पास मछली पालन व सिंघाड़ा के लिए नहर काट दी गई। अब तक सैकड़ों एकड़ भूमि जलमग्न हो चुकी है। टेल तक पानी जाना भी बंद हो गया है। किसानों ने सिचाई विभाग के अधिशासी अभियंता से मामले की शिकायत की है।

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शारदा नहर के शहबाद राजबहा से कुआंबोझ जमुरा माइनर निकला है। तोनी गांव के सामने करीब तीन किमी लंबा झाब है। इसमें दारापुर चठिया समेत कुछ अन्य गांव के लोग मछली पालन के साथ सिंघाड़ा की खेती करते हैं। झाबर में पानी भरने के लिए यह लोग माइनर की पटरी काट देते हैं। साठगांड के चलते क्षेत्रीय सिचाई कार्मिक कार्रवाई नहीं करते। जलभराव की वजह से हजारों हेक्टेयर में जलभराव हो जाता है। नतीजतन रबी की फसल भी नहीं हो पाती है।

500 रुपये प्रति बीघा पर ठेके को करते हैं मजबूर

झाबर की जमीन अत्यंत उर्वरा है। यहां रबी फसल में गेहूं, सरसों समेत सभी की बेहतर पैदावार होती है। मछली व सिघाडा से जुड़े लोग नहर कटिग कर देते हैं, जिससे साल भर सैकड़ों हेक्टेयर खेत खाली रहता है। इसके बाद सिघाडा व मछली पालन से जुड़े लोग ग्रामीणों को 500 रुपये प्रति बीघा पर ठेके पर खेती देने को मजबूर करते हैं। अधिशासी अभियंता आरके वर्मा का कहना है कि दोषियों पर एफआइआर दर्ज कर जुर्माना वसूल किया जाएगा। नहर दोबारा न कटे, इसके लिए प्रभावी कार्रवाई करेंगे।


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