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मौसेरे भाई ने की थी ओमवीर की हत्या

दुकानदार की हत्या का पुलिस ने तीसरे दिन राजफाश कर दिया है। हत्या उसके मौसेरे भाई ने रुपये उधार न देने पर कर दी थी। एसओजी व मिर्जापुर पुलिस ने उसे गिरफ्तार करने के बाद जेल भेज दिया है

By JagranEdited By: Published: Fri, 12 Nov 2021 12:43 AM (IST)Updated: Fri, 12 Nov 2021 12:43 AM (IST)
मौसेरे भाई ने की थी ओमवीर की हत्या
मौसेरे भाई ने की थी ओमवीर की हत्या

जेएनएन, शाहजहांपुर : दुकानदार की हत्या का पुलिस ने तीसरे दिन राजफाश कर दिया है। हत्या उसके मौसेरे भाई ने रुपये उधार न देने पर कर दी थी। एसओजी व मिर्जापुर पुलिस ने उसे गिरफ्तार करने के बाद जेल भेज दिया है।

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क्षेत्र के ढाई गांव निवासी ओमवीर सिंह गांव के बाहर कोल्डड्रिक व पान की दुकान चलाते थे। 9 नवंबर को उनका शव दुकान में पड़ा मिला था। पिता वीरेंद्र सिंह ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। हत्या का जल्द राजफाश कराने की मांग को लेकर ओमवीर के स्वजन ने शव रखकर जाम भी लगाया था। इसके बाद एसपी एस आनंद ने एसओजी प्रभारी रोहित सिंह को भी लगाया था। एसओजी व मिर्जापुर पुलिस ने जब जांच पड़ताल शुरू की तो पता चला कि हत्या ओमवीर के मौसेरे भाई गांव के राघवेंद्र उर्फ सल्लू ने की। पुलिस टीम ने रात करीब दो बजे उसे जरियनपुर तिराहे के पास से गिरफ्तार कर लिया। वह कहीं भागने की फिराक में था। पुलिस ने जब थाने लाकर पूछताछ की तो उसने बताया कि नशे का आदी होने की वजह से कई लोगों का कर्जदार हो गया था। कोई रोजगार न होने की वजह से कर्जा वापस नहीं कर पा रहा था। ऐसे में ओमवीर से कई बार मदद मांगी थी लेकिन उन्होंने रुपये देने से मना कर दिया था। उधार भी रुपये नही दिए। ऐसे में गुस्से में आकर लोहे की राड से हत्या कर दी थी। विरोध प्रदर्शन में भी शामिल रहा

ओमवीर के स्वजन ने जब शव रखकर जाम लगाया था तब राघवेंद्र भी उसमे शामिल था। वह लगातार मुआवजा दिलाने की भी मांग कर रहा था। पुलिस ने जब अगले दिन गांव के लोगों से जानकारी जुटाना शुरू किया तो पता चला कि राघवेंद्र की भी कई बार रुपये को लेकर कहासुनी हो चुकी। जाम लगाने पर 11 नामजद समेत 70 पर मुकदमा

क्षेत्र के ढाई गांव निवासी ओमवीर हत्याकांड में पुलिस ने 11 नामजद समेत 70 लोगों के खिलाफ शव रखकर जाम लगाने का मुकदमा दर्ज किया है। स्वजन ने हत्यारोपित को गिरफ्तार करने के लिए जलालाबाद-शमशाबाद मार्ग पर जाम लगाकर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी भी की थी। पुलिस ने ऐसे लोगों के बारे में जानकारी जुटाई। जिसके बाद उप निरीक्षक विपिन कुमार की तहरीर पर अभिषेक, सूर्यप्रताप, रोहित कुमार, अर्जुन, लवकुश, राजीव कश्यप, धर्मेंद्र, वैभव, आदित्य, ब्रजेश कुमार समेत 70 के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। राघवेंद्र नशे का आदी हो चुका है। जितने लोगों से उसने रुपये उधार लिए थे वह लगातार रुपये वापस करने का दबाव बना रहे थे। जिस वजह से उसने अपने ही मौसेरे भाई की भी हत्या की है।

संजीव कुमार वाजपेयी, एएसपी ग्रामीण


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