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सुधार कराने की बजाय प्रशासन ने हटाए संक्रमित मरीज

वरुण अर्जुन मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल में प्रशासन ने अतिरिक्त एलटू सेंटर बनाया था। ताकि वहां भी मरीज भर्ती किए जा सकें। हालत गंभीर होने पर यहां भर्ती सात में से दो मरीज अगले ही दिन सरकारी मेडिकल कॉलेज के एल टू सेंटर भेजे गए थे जिसमें से एक फर्नीचर व्यापारी की मौत हो गई थी।

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Aug 2020 11:52 PM (IST)Updated: Thu, 13 Aug 2020 06:09 AM (IST)
सुधार कराने की बजाय प्रशासन ने हटाए संक्रमित मरीज
सुधार कराने की बजाय प्रशासन ने हटाए संक्रमित मरीज

जेएनएन, शाहजहांपुर : वरुण अर्जुन मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल में प्रशासन ने अतिरिक्त एलटू सेंटर बनाया था। ताकि वहां भी मरीज भर्ती किए जा सकें। हालत गंभीर होने पर यहां भर्ती सात में से दो मरीज अगले ही दिन सरकारी मेडिकल कॉलेज के एल टू सेंटर भेजे गए थे, जिसमें से एक फर्नीचर व्यापारी की मौत हो गई थी। जिसके बाद वरुण अर्जुन मेडिकल कॉलेज में नर्सिंग स्टाफ ने बिना बीमा कराए कोविड वार्ड में ड्यूटी करने से इन्कार कर दिया था। मामला तूल पकड़ने पर डीएम इंद्र विक्रम सिंह व एसपी एस आनंद भी मौके पर पहुंचे थे। मेडिकल कालेज प्रशासन को व्यवस्थाएं दुरुस्त कराने के निर्देश दिए थे। लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ। नर्स कल्पना श्रीवास्तव के पहली मंजिल से कूदने के मामले में कोई ठोस कदम उठाने की बजाय वहां भर्ती कोरोना संक्रमित पांचों मरीजों को बुधवार को सरकारी मेडिकल कॉलेज के एलटू सेंटर में शिफ्ट करा दिया।

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वरुण अर्जुन मेडिकल कॉलेज में जो कोरोना संक्रमित भर्ती कराए गए थे उन्हें शिफ्ट करा दिया गया है। ताकि किसी तरह का विवाद न हो और मरीजों को बेहतर उपचार मिल सके।

रामसेवक द्विवेदी, एडीएम प्रशासन


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