अइहा हो भइया गेहूं के मोटरिया
नहाय खाय के साथ रविवार को पूर्वांचल के प्रमुख पर्व छठ का शुभारंभ हो गया।
जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर : नहाय खाय के साथ रविवार को पूर्वांचल के प्रमुख पर्व छठ का शुभारंभ हो गया। त्योहार को लेकर पूर्वांचल वासियों में खासा उत्साह रहा। पूर्वांचल महासभा ने खन्नौत घाट की सफाई न होने पर रोष जताया। नगर निगम आयुक्त को इस बाबत ज्ञापन भी दिया गया। नहाय खाय के छठ पर्व के शुरू होते ही छठ पर्व के गीतों की धूम शुरू हो गई। रविवार को खन्नौत घाट से लेकर पूर्वांचल से जुड़े लोगों के मोबाइल में भोजपुरी गीत बजने शुरू हो गए। नोर भइया जाएला मगह मुंगे लेले, अइहा हो भइया गेहूं के मोटरिया, अबकी के गेहुंआ महंग भइले, बहिनी छोड़ देहू एक वहिनी छठी के वरतिया..। आदि सरीखे गीतों की धूम रही।
महासभा के अध्यक्ष वेद प्रकाश रावत, महामंत्री विपुल कुमार बिहार समेत अशोक यादव सतीश की ओर से दिए गए गए ज्ञापन में खन्नौत घाट मेला स्थल की सफाई की मांग की गई।
पवित्रता के साथ बनाए जाते छठ के व्यंजन
छठ के व्यंजन में पवित्रता का विशेष ध्यान रखा जाता। गेहूं को धुलवाने के साथ ही लोग चक्की की भी सफाई कराकर आटा पिसाते हैं। रविवार को छठ का पहला दिन नहाय खाय होने पर महिलाओं ने स्नान करके चावल लौकी, चने की दाल का भोग लगाया। इसके साथ ही खरना व्रत की तैयारी शुरू कर दी। कल खरना, 14 को परायण
पूर्वाचल महासभा उपाध्यक्ष अशोक यादव ने बताया कि 11 नवंबर को नहाय खाय के साथ शुरू छठ पर्व का समापन 14 नंवबर को उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ होगा। 12 नंवबर को खरना तथा 13 को डूबते सूरज को अर्घ्य दिया जाएगा।