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छठ पर्व आज से, नगर निगम प्रशासन उदासीन

11 नवंबर को नहाय खाय के साथ शुरू होने वाले छठ पर्व को लेकर नगर निगम प्रशासन पूरी तरह उदासीन है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 11 Nov 2018 09:03 AM (IST)Updated: Sun, 11 Nov 2018 09:03 AM (IST)
छठ पर्व आज से, नगर निगम प्रशासन उदासीन
छठ पर्व आज से, नगर निगम प्रशासन उदासीन

जेएनएन, शाहजहांपुर : दीपोत्सव के ठीक बाद पड़ने वाले छठ पर्व की तैयारियां शुरू हो गई है। 11 नवंबर को नहाय खाय के साथ शुरू होने वाले पूर्वांचल के इस प्रमुख पर्व को लेकर नगर निगम प्रशासन पूरी तरह उदासीन है। खन्नौत के लोदीपुर घाट पर सफाई तथा मेला स्थल पर सफाई न होने पर पूर्वांचल महासभा पदाधिकारियों ने नाराजगी जताई। उन्होंने सफाई के लिए नगर आयुक्त तथा सुरक्षा के लिए एसपी को भी ज्ञापन भी सौंपा।

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पूर्वांचल महासभा अध्यक्ष वेद प्रकाश रावत, महामंत्री विपुल कुमार बिहार, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सतीश मिश्रा ने खन्नौत घाट पर सफाई न होने पर नाराजगी जताई। बताया कि 11 नवंबर को नहाय खाय के साथ छठ पर्व का शुभारंभ हो रहा है। लेकिन नगर निगम प्रशासन ने अभी कोई व्यवस्था नहीं की।

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लोकप्रिय हो रहा पूर्वांचल का पर्व छठ

पूर्वांचल का प्रमुख त्योहार छठ अब स्थानीय लोगों को भी भाने लगा है। वर्तमान में शहर के करीब सात हजार परिवार पूर्वांचल से जुड़े हैं। जो व्रत रखकर पर्व को धूमधाम से मनाते है। उगते सूरज को जब अ‌र्घ्य देने के लिए व्रती खन्नौत नदी घाट पर तड़के जमा होती तो हजारों की भीड लग जाती।

2002 से शुरू हुआ मेला और सामूहिक पूजन

डेढ़ दशक पूर्व तक पूर्वांचल के लोग व्यक्तिगत रूप से छठ पर्व पूजन किया करते थे। 2002 में ओसीएफ कर्मी अशोक यादव ने सामूहिक पूजन शुरू कराया। इसके बाद पर्व ने व्यापक रूप ले लिया।

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सीता मइया और द्रौपदी ने भी रखा था व्रत

पूर्वांचल सभा के अध्यक्ष वेद प्रकाश रावत का कहना है कि सूर्य देव की बहन छठ मइया का व्रत सीता मइया और द्रौपदी ने भी रखा था। सूर्य भगवान की उपासना के इस व्रत को रखने पर व्रती की समस्त मनोकामना पूर्ण होती है। ---------------------------------------

तिथि वार व्रत पर एक नजर

11 नवंबर : नहाय खाय -व्रत की तैयारियां पूर्ण करने के बाद शुद्ध भोजन खासकर कद्दू पूड़ी के भोज की परंपरा

12 नवंबर : खरना - गन्ने के रस की खीर बनाकर सभी लोग खाते, इसी के साथ व्रत का शुभारंभ हो जाता

13 नवंबर : डूबते सूरज को अ‌र्घ्य - व्रती द्वारा इस दिन डूबते सूरज को अ‌र्घ्य दिया जाएगा।

14 नवंबर : उगते सूरज को अ‌र्घ्य - खन्नौत घाट पर शहर भर के लोग जुटेंगे। उगते सूरज को अ‌र्घ्य देने के साथ व्रत का समापन होगा।


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