कागजों तक सीमित अभियान, गांवों में बन रहीं बालिका वधू
जेएनएन, अजयवीर सिंह : बाल विवाह अपराध है, यह बात सभी लोग जानते है। लेकिन उसके बाद भी शादियों का सीजन शुरू होते ही बालिका वधू बनाने के मामले सामने आने लगते है। कम उम्र में शादी होने से बेटियां अच्छे स्वास्थ्य, पोषण व शिक्षा से वंचित रह जाती हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में इस तरह के मामले सबसे ज्यादा आ रहे है। महिला शक्तिकरण समेत तमाम अभियान सरकार चला रही है। बजट भी इस पर खूब खर्च किया जा रहा है, ताकि महिलाओं व बेटियों को उनके अधिकार बताए जा सके। इन जागरूकता कार्यक्रमों के जरिये बाल विवाह रोकने पर फोकस किया जाता है। लेकिन यह अभियान सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह जाते है। जिस वजह से बीते एक माह में ही पांच बाल विवाह के मामले सामने आ चुके है। अभिभावकों को समझाकर यह विवाह रुकवाए गए। जबकि तमाम मामले थाने या फिर महिला एवं बाल कल्याण विवाह तक के संज्ञान में नहीं आ पाते है। जिस वजह से कम उम्र में ही बेटियां गृहस्थी के बोझ में दब जाती है।
गत वर्ष 19 मामले आए सामने
जिले में गत वर्ष 19 बाल विवाह के मामले सामने आए। समय रहते जानकारी होने पर इन बेटियों के कम उम्र में हाथ पीली होने से रुकवाए जा सके। जबकि जनवरी से अब तक 11 मामले जिले में इस तरह के सामने आ चुके है।
लाकडाउन में भी हो गए बाल विवाह
कोरोना संक्रमण काल यानी वर्ष 2019 के बाद भी जिले में करीब 20 बाल विवाह के मामले सामने आए है। जिन्हें बच्चियों के अभिभावकों को समझाकर रुकवाया गया था।
आर्थिक स्थिति का दिया हवाला
खुटार थाना क्षेत्र के एक गांव में 18 मई को चाइल्ड लाइन की टीम ने एक नाबालिग की शादी रुकवाई। किशोरी की मां ने आर्थिक स्थिति ठीक न होने का हवाला देते हुए जल्द शादी करने की बात कही। हालांकि बाद में किशोरी की मां ने एक शपथ पत्र दिया जिसमे 18 साल उम्र पूरी होने के बाद ही शादी करने की बात कही।
क्या कहता है कानून
18 साल से कम उम्र में लड़की या लड़के की शादी होने पर संबंधित अभिभावक व शादी कराने वाले काजी व पुजारी को दो साल तक की सजा व दो लाख रुपये तक जुर्माने का प्रावधान है।
18 मई को खुटार के एक गांव में हो रही थी शादी।
15 मई को पुवायां के गांव में शादी रुकवाई ।
12 मई को रोजा के गांव में परिवार को समझाकर शादी रुकवाई ।
18 अप्रैल को जैतीपुर के एक गांव में हो रही थी शादी ।
25 अप्रैल को सिंधौली में नाबालिग की शादी चाइल्ड लाइन टीम ने रुकवाई।
कम उम्र में शादी होने से सर्वाइकल कैंसर होने का सबसे ज्यादा खतरा रहता है। इसके अलावा प्रसव के समय बच्चेदानी फटने भी संभावना बनी रहती है। जो बच्चे पैदा होते है वह भी कुपोषित हो जाते है। 18 साल के बाद ही शादी करनी चाहिए। डा. साक्षी श्रीवास्तव, महिला रोग विशेषज्ञ राजकीय मेडिकल कालेज
बाल विवाह रोकने के लिए विभाग की ओर से लगातार जागरूकता कार्यक्रम कराए जा रहे है। इस तरह के कई विवाह समय रहते रुकवाए जा चुके है। यदि इस तरह का मामला किसी के संज्ञान में आता है तो वह तत्काल हेल्पलाइन नंबर 1098 पर सूचना दे। गौरव मिश्रा, जिला प्रोवेशन अधिकारी
सभी थानाध्यक्षों को निर्देश दिए गए है कि बाल विवाह के मामले यदि संज्ञान में आते है तो उन्हें तत्काल रुकवाए। बीते दिनों कई मामले पुलिस की मदद से रुकवाए भी गए है। इसके अलावा पुलिस के माध्यम से भी लोगों को जागरूक कराया जा रहा है। एस आनंद, एसपी