तकनीकी दृष्टि से जो जगह होगी हितकर, वहां बनेगा पुल
बहगुल नदी के स्वीकृत पुल के निर्माण स्थल को लेकर उपजे विवाद का मामला शासन प्रशासन तक पहुंच गया। मंगलवार को एडीएम प्रशासन रामसेवक द्विवेदी ने बरेली व गाजियाबाद से आए अभियंताओं के साथ दोनों स्थलों का निरीक्षण किया। दोनों पक्ष के लोगों को सुना। उच स्तरीय टीम को तकनीकी दृष्टि से उचित स्थल पर पुल निर्माण के निर्देश दिए।
जेएनएन, जलालाबाद, शाहजहांपुर : बहगुल नदी के स्वीकृत पुल के निर्माण स्थल को लेकर उपजे विवाद का मामला शासन, प्रशासन तक पहुंच गया। मंगलवार को एडीएम प्रशासन रामसेवक द्विवेदी ने बरेली व गाजियाबाद से आए अभियंताओं के साथ दोनों स्थलों का निरीक्षण किया। दोनों पक्ष के लोगों को सुना। उच्च स्तरीय टीम को तकनीकी दृष्टि से उचित स्थल पर पुल निर्माण के निर्देश दिए।
इसलिए बरेली, गाजियाबाद से आयी टीम
जलालाबाद क्षेत्र में बहगुल नदी पर रामपुर ढका डांडी के पास पैंटून पुल बना है। करीब ढाई किमी की दूरी पर तिकोघा घाट है। जन प्रतिनिधियों की मांग पर शासन ने रामपुर ढका डांडी मार्ग पर पुल मंजूर कर दिया, जिसमें तिकोला घाट का भी नाम लिखा। फरवरी माह में सेतु निगम के अभियंताओं ने निरीक्षण के बाद पैंटून पुल स्थल को पुल के लिए उपयुक्त मानते निर्माण को शिविर लगाना शुरू कर दिया। तिकोला घाट के समीपवर्ती गांव के लोगों ने अपने क्षेत्र में पुल बनाने की मांग करते हुए विरोध शुरू कर दिया। इस पर सियासत शुरू हुई तो प्रशासन ने काम बंद करा दिया। दोनों पक्षों के लोगों ने धरना दिया। मामला शासन तक पहुंचा तो जिम्मेदारों ने जांच के लिए टीम भेजी।
टीम की रिपोर्ट पर तय निर्धारित होगा पुल स्थल
एडीएम प्रशासन रामसेवक द्विवेदी, एसडीएम सौरभ भट्ट ने बरेली से आए लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता डीके तिवारी, सेतु निगम के मुख्य परियोजना प्रबंधक देवेंद्र सिंह, उप परियोजना प्रबंधक विजेंद्र कुमार मौर्य, गाजियाबाद से आए मुख्य परियोजना प्रबंधक प्राक्कलन एससी चौहान के साथ दो घंटे तक क्षेत्र का निरीक्षण किया।
पुल के बजट वापसी पर विरोध हुआ फीका
एडीएम ने विवाद की दशा में पुल का प्रस्ताव निरस्त कर बजट वापसी की चेतावनी दी। इस पर दोनों पक्षों के अगुवाकारों के स्वर धीमे हो गए। सभी ने टीम पर निर्णय छोड़ दिया।
प्रमुख पक्ष व उनसे संबंधित गांव
- तिकोला घाट के समर्थक: हार गुरैया, खंडहर, रघुनाथपुर, दुल्लामई, थाथरमई आदि।
- रामपुर ढका डांड़ी समर्थक : अतरी, उइला, संगहा, रूपापुर, कील्हापुर, चितरऊ आदि।
वर्जन
सेतुनिगम से अभिलेख तलब किए गए हैं। जनहित व तकनीकी दृष्टि से जहां हितकर होगा, वहीं पुल बनवाया जाएगा।
रामसेवक द्विवेदी, एडीएम प्रशासन