फाइलों में अटक गया आवास का सपना
सरकार भले ही हर गरीब के सिर पर पक्की छत मुहैया कराने का दावा कर रही है। लेकिन शहर में ऐसे तमाम जरूरतमंद है ऐसे है जिनका आवास का सपना फाइलों में अटक गया है। जिम्मेदार भी इसको लेकर उन्हें अब टरका रहे है
जेएनएन, शाहजहांपुर : सरकार भले ही हर गरीब के सिर पर पक्की छत मुहैया कराने का दावा कर रही है। लेकिन शहर में ऐसे तमाम जरूरतमंद है ऐसे है जिनका आवास का सपना फाइलों में अटक गया है। जिम्मेदार भी इसको लेकर उन्हें अब टरका रहे है।
प्रधानमंत्री आवास योजना के जरिये जिला नगरीय विकास अभिकरण कार्यालय में एक वर्ष पहले 1300 से अधिक पात्रों ने आवेदन जमा किए थे। अधिकारियों ने जब इन पात्रों के घर जाकर सर्वे किया तो उसमे यह सब योजना का लाभ लेने के लिए पात्र पाये गए। जिसके बाद लेखपाल की संस्तुति रिपोर्ट समेत डीपीआर नगरीय विकास अभिकरण मुख्यालय भेज दी गई थी। लेकिन उसके बाद अधिकारियों ने दोबारा सुध नहीं ली। लाभार्थियों ने जब अधिकारियों के कार्यालयों के चक्कर काटना शुरू किए तो उन्हें टरकाना शुरू कर दिया गया। एक बार आवेदन होने के बाद अब ऐसे जरूरतमंद दोबारा आवेदन भी नहीं कर पा रहे है। अधिकारियों की लापरवाही की वजह से जरूरतमंदों का सपना अभी तक पूरा नहीं हो पा रहा है। 13 हजार आवास बनने का दावा
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अब तक 13 हजार पात्रों को लाभ दिया जा चुका है। जिसमे ढाई लाख रुपये लाभार्थी के सीधे खाते में भेज गए। जिसमे 20 फीसद ऐसे लाभार्थी भी है जिनके आवासों में निर्माण कार्य चल रहा है। 15 दिन में पूरी होती है प्रक्रिया
आनलाइन आवेदन के बाद आवास की प्रक्रिया 15 दिन में पूरी होने का नियम है। लेकिन यह नियम जिले में लागू नहीं हो पा रहा है। जिस वजह से एक साल से अधिक तक का समय पहुंच गया। बहुत से जरूरतमंद नेताओं से भी सिफारिश करा रहे है। लेकिन वह भी नाकाफी साबित हो रही है। 1300 आवास की डीपीआर मुख्यालय भेजी जा चुकी है। जो स्वीकृत होना बाकी है। उम्मीद है कि जल्द बजट जारी हो जाएगा।
अतुल पाठक, परियोजना अधिकारी जिला नगरीय विकास अभिकरण