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जब बूटी ढूंढि न पाई, पर्वत को लियो उठाई

सोमवार को ओसीएफ में ओडीएसी कलाकारों ने लक्ष्मण शक्ति लीला का सजीव मंचन किया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 07 Oct 2019 11:19 PM (IST)Updated: Tue, 08 Oct 2019 06:29 AM (IST)
जब बूटी ढूंढि न पाई, पर्वत को लियो उठाई
जब बूटी ढूंढि न पाई, पर्वत को लियो उठाई

जागरण संवाददता, शाहजहांपुर : सोमवार को ओसीएफ में ओडीएसी कलाकारों ने लक्ष्मण शक्ति व सुषेण वैद्य उपचार लीला का भावपूर्ण मंचन किया। रामविलाप प्रसंग पर दर्शकों की आंखे भर आई। खिरनी बाग में नवचेतना कला परिषद के कलाकारों ने मेघनाद वध लीला में युद्ध का रोमांचकारी मंचन हुआ। इस दौरान मंच से लेकर मैदान तक जयश्रीराम के जयघोष से वातावरण गुंजायमान रहा।

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ओसीएफ में शुक-सारन प्रसंग, अंगद-रावण संवाद, मेघनाद-सुलोचना प्रसंग के बाद मेघनाद व लक्ष्मण के बीच युद्ध हुआ। मेघनाद के बाण से लक्ष्मण के मूíछत होने पर रामादल में शोक छा गया। जामवंत के सुझाव पर हनुमान संजीवनी बूटी के लिए द्रोणागिरि पर्वत गए। बूटी की खोज में विलंब देख हनुमान ने पर्वत को उठा लिया। सुषेण वैद्य बने कुलदीप दीपक ने लक्ष्मण के उपचार लीला का मंचन कर दर्शकों का मन मोह लिया। इससे पूर्व राम विलाप लीला पर दर्शकों की आंखे भर आई। इसी तरह खिरनी बाग रामलीला में सती सुलोचना के विलाप पर दर्शकों के आंसू छलक आए। ओसीएफ लीला मंचन में अंकित सक्सेना, पैट्रिक दास, अरशद आजाद, मोहित कुमार, खिरनी बाग में अनिल सक्सेना, राकेश श्रीवास्तव, रामसिंह, कृष्ण मोहन शर्मा आदि का मुख्य रूप से प्रतिभाग रहा।


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